ग्रेटर नोएडा के दादरी कस्बे और बोड़ाकी गांव के आसपास देश का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा। रविवार को लखनऊ में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान राज्य के उद्योग मंत्री सतीश महाना ने यह घोषणा की है। सतीश महाना ने बताया कि देश के दो सबसे बड़े रेलवे फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन दादरी में बनेगा। जिसके चलते यहां देश का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब सरकार बनाएगी। लॉजिस्टिक हब को सीधे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भी जोड़ा जाएगा।
सतीश महाना ने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार की निवेशोन्मुख और उद्योगों के अनुकूल नीतियों के परिणामस्वरूप लाखों-करोड़ों रुपये के निवेश प्रस्ताव मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्योग पारिस्थितिकी तंत्र को और बेहतर बनाने के लिए राज्य में सुदृढ़ लॉजिस्टिक्स अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर जोर दिया है। राज्य सरकार ने अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार को लाॅजिस्टिक्स क्षेत्र के समग्र विकास के लिए नोडल अधिकारी नामित किया है।"
इंडस्ट्री मिनिस्टर सतीश महाना ने कहा, "एक्सप्रेसवेज़ के नेटवर्क के साथ ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) का जंक्शन ग्रेटर नोएडा के दादरी में बन रहा है। इसको भारत में सबसे बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की योजना है। यूपी के दादरी क्षेत्र में बोडाकी और वाराणसी में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश निजी लॉजिस्टिक पार्क नीति घोषित करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक हैं।"
उद्योगों की सुविधा के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्लाई चेन) और भण्डारण (वेयरहाउसिंग) सुविधाओं का विकास किया जाएगा। आलोक कुमार की अध्यक्षता में नवगठित राज्यस्तरीय लाॅजिस्टिक्स सेल भारत सरकार से समन्वय करेगी। राज्य सरकार के नियोजन, परिवहन, नागरिक उड्डयन, राजस्व, लोक निर्माण, निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, यूपी एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) इस सेल के प्रमुख सदस्य होंगे। केंद्रीय एजेंसियों जैसे- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के नोडल अधिकारी सेल में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पृष्ठभूमि में और कोविड-19 महामारी के दौरान सप्लाई चेन्स में अवरोधों को दूर करने के लिए एकीकृत योजना बनाई गई है। प्रदेश में लाॅजिस्टिक्स सप्लाई चेन के विकास के लिए समन्वित और केन्द्रित कार्यवाही करेंगे। अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को ‘उद्योग का दर्जा’ प्रदान किया गया है। इससे इस सेक्टर के लिए भूमि की लागत में काफी कमी आई है। राज्य सरकार ने पहले ही इस सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए कई नए प्राविधान किए हैं। परिणामतः वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित हो रहा है। इस सेक्टर में अब तक लगभग 438 करोड़ रुपये के कुल 6 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
राज्य सरकार इन 6 मापदंडों पर कार्य करेगी
-प्रतिस्पर्धी दरों पर लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था में सुगमता
-लॉजिस्टिक्स अवस्थापना की गुणवत्ता
-लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं की गुणवत्ता
-कार्गो परिवहन की सुरक्षा
-विनियामक प्रक्रिया (रेगुलेटरी प्रॉसेस) की दक्षता
-राज्यस्तरीय समन्वय एवं सुविधा
लॉजिस्टिक्स पार्क और इकाइयों के लिए औद्योगिक भूमि-उपयोग परिवर्तन शुल्क लागू करने के लिए राज्य के विकास प्राधिकरण अपने जोनिंग नियमों, मास्टर प्लान और उपनियमों में संशोधन कर रहे हैं। इसके अलावा लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित करने के लिए पात्रता सीमा को 50 एकड़ से घटाकर 25 एकड़ कर दिया गया है।
भारत में सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों में से एक नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से राज्य की लाभ की स्थिति में वृद्धि होगी। राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के तहत हल्दिया के पूर्वी बंदरगाह से वाराणसी तक कार्गो के परिवहन की सुविधा रहेगी। राज्य में निर्मित वायु, जल, सड़क और रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी के फलस्वरूप उद्योगों व मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को परिवहन मिलेगा। भारत और विदेशों के बाजारों में अपना माल भेजने में मदद मिलेगी।