Greater Noida News : बढ़ते प्रदूषण के खतरों को देखते हुए जिला अधिकारी (डीएम) मनीष कुमार वर्मा ने जिले के 500 से अधिक शिक्षण संस्थानों में इलेक्ट्रिकल बसें चलाने की योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य न केवल प्रदूषण को कम करना है, बल्कि शिक्षण संस्थानों के लिए खर्च में भी कटौती करना है। डीएम के इस प्रस्ताव पर कई स्कूलों और कॉलेजों ने मंथन शुरू कर दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही जिले के कई शिक्षण संस्थानों में इलेक्ट्रिकल बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।
डीएम ने बताया इलेक्ट्रिकल बसों के लाभ
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने प्रदूषण को रोकने और इलेक्ट्रिकल वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पब्लिक ट्रांसपोर्ट और शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की। बैठक में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इलेक्ट्रिकल वाहनों पर 440 करोड़ की सब्सिडी प्रदान कर रही है और इसके अलावा कई अन्य रियायतें भी दी जा रही हैं। यह सब्सिडी और लाभ 13 अक्टूबर 2025 तक ही प्राप्त किया जा सकता है, इसलिए डीएम ने शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक परिवहन को इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया।
चार्जिंग पॉइंट और सुविधाओं पर चर्चा
बैठक के दौरान डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इलेक्ट्रिकल बसों के अधिकतम उपयोग के लिए ठोस योजना बनाई जाए और चार्जिंग पॉइंट्स की स्थापना सुनिश्चित की जाए। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि व्हीकल रजिस्ट्रेशन, डाटा एनालिटिक्स, चार्जिंग स्टेशन डिटेल्स, बैटरी स्वैपिंग और ईवी खरीद पर मिलने वाले इंसेंटिव जैसी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भी व्यापक जानकारी प्रदान की जाएगी।
इलेक्ट्रिकल बसों के सस्टेनेबल ग्रोथ
डीएम ने इलेक्ट्रिकल बसों के उपयोग को पारदर्शिता और सस्टेनेबल ग्रोथ का माध्यम बताते हुए इस योजना को पर्यावरण के अनुकूल और प्रदूषण नियंत्रण में सहायक बताया है। उन्होंने बताया कि यह पहल जनपद को प्रदूषण मुक्त बनाने और ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसी के साथ गौतमबुद्ध नगर ऐसा पहला जिला होगा।