ट्राईसिटी टुडे से ग्रेटर नोएडा सीईओ की खास बातचीत : पूर्व अफसरों की गलती सुधार रहे रवि कुमार एनजी, ये है हल्दौनी-कुलेसरा मार्ग पर जलभराव का कारण

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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में तमाम समस्याएं हैं, इनमें से एक हल्दौनी-कुलेसरा मार्ग पर जलभराव की है। इस समस्या की जड़ तक जाने और समाधान कब तक होगा, इसके लिए ट्राईसिटी टुडे की टीम ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी से बातचीत की। क्योंकि, यह समस्या काफी सालों से बनी हुई है। पूर्व कई सीईओ (मुख्य कार्यपालक अफसर) ने इस समस्या के समाधान के लिए कई कदम भी उठाए, लेकिन सभी विफल साबित हुए। अब पूर्व अधिकारियों की गलतियों को सुधारने का जिम्मा वर्तमान सीईओ रवि कुमार एनजी ने लिया है। उन्होंने इसको लेकर एक मैप जारी करवाने का फैसला लिया है। जिसके जरिए उन सभी समस्याओं के बारे में पता लगाया जा सकता है जो हल्दौनी-कुलेसरा मार्ग पर जलभराव का मुख्य कारण है। उन्होंने इसके लिए कंपनी का चयन करवाने का फैसला लिया है। आगामी 2-3 महीनों के भीतर पूरी रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। जिससे उनकी कमियां पता चल जाएगी और फिर समाधान किया जाएगा।

तालाब का विलुप्त होना एक बड़ा कारण
सीईओ रवि कुमार एनजी ने बताया कि हल्दौनी-कुलेसरा मार्ग पर जलभराव के कई कारण हैं। पहले ग्रेटर नोएडा के गांवों पर तालाब या झील हुआ करती थीं। जिसमें गांव का पानी उनमें जाया करता था लेकिन अब ग्रेटर नोएडा से तालाब विलुप्त होते जा रहे है। जिसकी वजह से गांवों के घर से निकलने वाला पानी नाली में जाता है और अगर नाली में जगह नहीं मिलती तो सड़क पर जलभराव की समस्या पैदा करता है। हल्दौनी और कुलेसरा में लाखों लोग रहते हैं। वहां के घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़क पर फैला रहता है। 

पूर्व सीईओ की गलती अब पड़ रही भारी
जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आईएएस नरेंद्र भूषण थे तो यह समस्या पैदा हुई थी। उस दौरान उन्होंने सड़क निर्माण के लिए लाखों रुपये के टेंडर भी पास किए थे। काफी अधिकारियों पर गाज भी गिरी थी, लेकिन नरेंद्र भूषण इस समस्या की जड़ तक नहीं पहुंच पाए। उसके बाद ग्रेटर नोएडा में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह सीईओ बने। उन्होंने भी इस पर काम करने का प्रयास किया। अपनी टीम को मौके पर भेजी। सड़क निर्माण करवाया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दोबारा से सड़क टूट गई। उसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी बनीं। उन्होंने भी बिना कमी को पकड़ते हुए सड़क निर्माण करवा दिया। जबकि समस्या कुछ और ही थी। अब इसी समस्या का समाधान करने के लिए रवि कुमार एनजी ने एक टीम लगाई हुई है जिसका नेतृत्व (आईएएस) एसीईओ लक्ष्मी वीएस कर रही है।

छोटा नाला और पानी का बहाव ज्यादा
रवि कुमार एनजी ने "ट्राईसिटी टुडे" से खास बातचीत करते हुए बताया, "मैंने इसके लिए एक टीम का गठन किया है, जो इस समस्या की जड़ तक जाने का काम कर रही है। इसको लेकर एक मैपिंग तैयार की जा रही है। जिसमें असली वजह पता चल जाएगी। मैं भी इस पर दोबारा से सड़क बनवा सकता हूं, लेकिन उससे कोई फायदा नहीं होगा। काफी बार इस मार्ग पर पक्की सड़क बनाई गई, लेकिन वह एक महीने भी नहीं चल पाती और टूट जाती है। अभी तक की जांच में पता चला है कि हल्दौनी और कुलेसरा का पानी नाले की तरफ जाता है, लेकिन नाले का आकार बेहद छोटा है। नाले की क्षमता से काफी अधिक पानी की निकासी होती है, जिस वजह से पानी नाले की वजह सड़क पर आकर रुक जाता है। ऐसा 24 घंटे चलता रहता है, जिसकी वजह से सड़क टूट जाती है। मैंने लाखों रुपए खर्च करके काफी बार इस सड़क को बनवाया है, लेकिन इस समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पा रहा।" 

अब समस्या का जड़ से होगा खात्मा
सीईओ ने आगे बताया, "मैंने इसके लिए एक मैपिंग तैयार करवाने का फैसला लिया है।  इसके लिए दो कंपनियों का चयन भी कर दिया गया है। अब यह टीम आगामी दो-तीन महीने में पूरी रिपोर्ट बनाकर दे देगी। जिसमें लिखा होगा कि समस्या कहां-कहां पर आ रही है, किस-किस तरीके की समस्या है और उसका कैसे समाधान किया जा सकता है?"

"मैं जड़ से करुंगा समस्या का समाधान"
सीईओ ने आगे ट्राईसिटी टुडे को बताया, "शुरुआती रिपोर्ट में यह पता चला है कि नाले की चौड़ाई अभी बढ़ानी होगी। उसके बाद ही कुछ फायदा हो सकता है। इसमें एक बड़ी समस्या यह भी है कि जब इस क्षेत्र का विकास किया जा रहा था तो कमी की गई। भविष्य के हिसाब से सड़कों को और नालों को नहीं बनाया गया। जिसका नुकसान आज भुगतना पड़ रहा है। दिन-प्रतिदिन लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो एक चुनौती बनी हुई है। इस चुनौती का सामना करने के लिए और समाधान करने के लिए हमें जड़ तक जाना पड़ेगा। जिसके लिए मैं लगातार प्रयास कर रहा हूं और मेरा प्रयास है कि मैं आगामी कुछ महीनों के भीतर इस सड़क को एक बेहतरीन रूप में बना दूं। जिस पर ना तो कभी पानी जमा होगा और ना ही ऐसी स्थिति पैदा होगी।"

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