BIG NEWS: गौतमबुद्ध नगर में पहली बिल्डर परियोजना को मिला केंद्र सरकार से स्ट्रेस फंड, 900 फ्लैट खरीदारों का संकट दूर होगा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर में पहली बिल्डर परियोजना को केंद्र सरकार के रियल एस्टेट स्ट्रेस फंड (Real Estate Stress Fund) से आर्थिक मदद मिली है। 2020 के बजट में केंद्र सरकार ने 2500 करोड़ रुपये के स्ट्रेस फंड की घोषणा की थी। जिसके जरिए फंसी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करवाया जाएगा। इस घोषणा के तहत ग्रेटर नोएडा में कैपिटल इंफ्राटेक होम्स (Capital Infratech Homes) कम्पनी को 165 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इससे 900 खरीदारों का सपना पूरा होगा। अब इस परियोजना दो चरणों में पूरा किया जाएगा। सरे खरीदारों को अगले साल फरवरी तक फ्लैट मिल जाएंगे। 

मिली जानकारी के मुताबिक शहर की चार और बिल्डर परियोजनाओं को रियल एस्टेट स्ट्रेस फंड से पैसा मिलने की उम्मीद है। इससे करीब 2,500 और फ्लैट का निर्माण किया जा सकेगा। अधूरी ग्रुप हाउसिंग परियोजना को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने "स्पेशल विंडो फॉर कंपलीशन ऑफ कंस्ट्रक्शन ऑफ अफोर्डेबल एंड मिड इनकम हाउसिंग प्रोजेक्ट" (एसडब्ल्यूएमआईएच) के नाम से स्ट्रेस फंड की स्थापना की है। इस फंड के लिए एसबीआई कैप्स को नोडल एजेंसी बनाया गया है। 

आज सीईओ नरेन्द्र भूषण की अध्यक्षता में बैठक हुई : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेन्द्र भूषण की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमनदीप डुली, विशेष कार्याधिकारी सन्तोष कुमार, महाप्रबन्धक (वित्त) एचपी वर्मा और महाप्रबन्धक (नियोजन) मीना भार्गव शामिल हुईं। बैठक में सलाहकार कंपनी ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में बताया गया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में कैपिटल इंफ्राटेक होम्स प्राइवेट लिमिटेड की परियोजना के लिए 165 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इस परियोजना के बनने से 900 खरीदारों को फ्लैट मिल सकेंगे। प्रथम चरण के तहत अक्टूबर 2021 में 450 और फरवरी 2022 में 450 फ्लैटों पर कब्जा खरीदारों को दे दिया जाएगा।

शहर के 4 और हाउसिंग प्रोजेट को जल्द मिलेगा पैसा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र की चार और आवासीय परियोजनाओं को जल्दी पैसा मिलने की उम्मीद है। इससे करीब 2500 फ्लैट बन सकेंगे। इसको लेकर 15 मार्च को फिर बैठक होगी। उम्मीद है कि उसी दिन इनको पैसा जारी कर दिया जाए। इससे खरीदारों को उनके फ्लैट पर कब्जा मिल सकेगा। वर्षों से फ्लैट की बाट जोह रहे खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। बैठक में डेवलपर्स को पैसा और खरीदारों को फ्लैट उपलब्ध कराने की रणनीति बनाई जाएगी।

प्रोजेक्ट ऑडिट के बाद आर्थिक मदद की मंजूरी दी गई : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपनी अपूर्ण परियोजनाओं का फाइनेंशियल ऑडिट करवाया था। इसमें यह पता चल गया कि कितने बिल्डरों ने खरीदारों के पैसों को दूसरी परियोजना में लगा दिया है। कितनी परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनको पूरा किया जा सकता है। प्राधिकरण ने 100 से अधिक परियोजनाओं का ऑडिट कराया था। अब केंद्र सरकार के स्ट्रेड फंड से इन परियोजनाओं को पूरा कराने की शुरुआत हो चुकी है।

अब तक शहर के किसी प्रोजेक्ट को पैसा नहीं मिला था : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए स्ट्रेस फंड के तहत पहली परियोजना को पैसा मिला है। अभी तक नोएडा प्राधिकरण के दायरे वाली किसी परियोजना को भी लाभ नहीं मिला है। अब उम्मीद है कि इस योजना के तहत पैसा जारी होगा और खरीदारों को उनके घर मिलने लगेंगे। केंद्र सरकार की स्ट्रेस फंड योजना के तहत पहली परियोजना के लिए गुरुवार को 165 करोड़ रुपये स्वीकृत हो गए हैं।

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