बड़ी खबर : प्राधिकरण की कार्यवाही का अजनारा बिल्डर को नहीं पड़ा असर, आवंटन रद्द होने के बाद भी बेचे जा रहे फ्लैट

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Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण के इतने बड़े एक्शन के बाद भी अजनाला बिल्डर पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। जहां प्राधिकरण में बकाया जमा न करने पर अजनारा बिल्डर की अजनारा पैनारोमा परियोजना का भूमि आवंटन रद्द कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी बिल्डर द्वारा इस परियोजना के फ्लैटों को बेचा जा रहा है। रोजमर्रा की तरह सेल्स ऑफिस खोला जाता है और फ्लैट खरीदने के लिए लोगों से संपर्क किया जा रहा है। इस परियोजना में रहने वाले एक निवासी ने बृहस्पतिवार को सुबह जब अखबार में अजनारा बिल्डर के आवंटन रद्द होने की खबर पड़ी तो वे हैरान और परेशान हो गए। उसके बाद उन्होंने बिल्डर से इसके बारे में संपर्क किया तो बिल्डर ने एक-दो दिन में जवाब देने का आश्वासन दिया। अब इस परियोजना के सभी खरीदार यमुना प्राधिकरण के सीईओ से जाकर मिलेंगे। वहीं, इस परियोजना को पूरा कराने की जिम्मेदारी प्राधिकरण ने ली है। 

निवासियों के मन में चल रहे यह सवाल 
अजनारा बिल्डर की इस परियोजना में अभी ज्यादा लोग नहीं रह रहे हैं। फिलहाल परियोजना में बनाए गए विला में 4 परिवार रह रहे हैं। जिनमें से एक निवासी मोहित गोयल ने बृहस्पतिवार को जब अखबार में अजनारा बिल्डर के भूमि आवंटन रद्द होने की खबर को पढ़ा तो वह काफी परेशान हो गए। जिसके बाद उन्होंने बिल्डर से संपर्क करें और इसके बारे में पूछा तो बिल्डर ने उन्हें एक-दो दिन में जवाब देने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस परियोजना के विला में चार परिवार रह रहे हैं और पांचवा परिवार 12 मई को यहां पर रहने के लिए आ जाएगा। अखबार में खबर पढ़ने के बाद यह सभी लोग काफी परेशान है। यदि आवंटन रद्द कर दिया गया है तो इस प्रोजेक्ट का क्या होगा? साथ ही उनके आवास पर इसका क्या असर पड़ेगा? यह सभी सवाल उनके मन में चल रहे हैं जिनके जवाब लेने के लिए यह सभी लोग यमुना प्राधिकरण के सीईओ से मिलकर बात करेंगे। 

प्राधिकरण कराएगा परियोजना को पूरा 
आपको बता दें कि बिल्डर का भूमि आवंटन रद्द करने के बाद यमुना प्राधिकरण ने इस परियोजना को पूरा कराने की जिम्मेदारी उठाई है। प्राधिकरण इस परियोजना के सभी फ्लैटों का निर्माण करा कर उन्हें उनके खरीदारों को सौंप देगा। साथ ही प्राधिकरण खरीदारों के हित को भी ध्यान में रखेगा। जिसके लिए प्राधिकरण ने बिल्डर से एनओसी मांगी है। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि बिल्डर ने खरीदारों से कितना पैसा ले लिया है। वहीं खरीदार से संबंधित सभी जानकारी बिल्डर से ले ली जाएगी। जिसके बाद इस परियोजना को पूरा करने की दिशा में आगे कदम बढ़ाया जाएगा। 

क्या है पूरा मामला
2010 में अजनारा बिल्डर को यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर-22ए में 25 एकड़ जमीन आवंटित की थी। जिसकी रजिस्ट्री बिल्डर ने 2011 में करा ली और फिर इस परियोजना का नाम अजनारा पैनोरमा रख दिया। प्राधिकरण ने बिल्डर की इस परियोजना में 3266 प्लैटों के नक्शे को पास किया था। जिनमें से अब तक 695 प्लेटो का आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। अधिकारियों का कहना है कि बिल्डर द्वारा बची हुई धनराशि को जमा नहीं कराया जा रहा है। 2017 में उसने बकाया राशि का रीशेड्यूलमेंट कराया। जिसके अंतर्गत 1.04 करोड रुपए का नोटिस जारी किया गया जिसके बाद बिल्डर ने केवल 54 लाख रुपए जमा कराएं। एक बार फिर अक्टूबर 2017 में 4.63 करोड रुपए जमा कराने का नोटिस जारी किया गया, लेकिन बिल्डर ने एक भी पैसा जमा नहीं कराया। ऐसे ही अजनारा ने 2019 में फिर रीशेड्यूलमेंट कराया, लेकिन अभी तक कोई पैसा जमा नहीं कराया गया है। 

बिल्डर के जमा कराए गए पैसे को किया जप्त 
यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना के लिए बिल्डर को 46.87 करोड रुपए जमा किए हैं, लेकिन अभी भी बिल्डर पर 42.82 करोड रुपए और बकाया है। अधिकारियों ने बताया कि बिल्डर के द्वारा जमा कराए गए पैसे को जप्त कर लिया गया है। प्राधिकरण के नियमों के अनुसार बिल्डर से सभी तरह की एनओसी लेने के बाद 25% पैसे को वापस कर दिया जाएगा। 

रीशेड्यूलमेंट का पालन नहीं करने पर होती यह कार्रवाई 
प्राधिकरण का बकाया न चुकाने पर सख्त कार्रवाई की जाती है। जिसके तहत यमुना प्राधिकरण ने इन बिल्डरों के भूखंड के आवंटन को निरस्त कर दिया गया है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि भुगतान न होने पर रीशेड्यूलमेंट का नियम है, लेकिन अगर का पालन नहीं किया जाता तो सख्त कार्रवाई की जाती है। रीशेड्यूलमेंट के अंतर्गत 3 किस्तों में पैसा जमा कराना होता है। अगर तीन किस्तों के अंदर पैसा जमा नहीं कराया जाता तो भूमिका आवंटन निरस्त किया जा सकता है। 

इसे पहले 9 बिल्डरों के हुए कार्रवाई 
यमुना प्राधिकरण द्वारा इससे पहले 4 अप्रैल को 9 बिल्डरों के भूखंडों का आवंटन निरस्त किया गया था। प्राधिकरण बकाया ना देने वाले बिल्डरों पर कोई लापरवाही नहीं बरत रहा है। इन 9 बिल्डरों द्वारा जमा कराए गए 28 करोड़ रुपए को जप्त कर लिया गया है। प्राधिकरण द्वारा जिन बिल्डरों के भूखंड निरस्त किया गए थे उनमें से अभी किसी की भी बिक्री नहीं हुई है। प्राधिकरण के काफी प्रयास के बाद भी बिल्डर द्वारा कोई भी धनराशि जमा नहीं कराई जा रही थी। जिसके बाद बिल्डरों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई।

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