Greater Noida : पूरा विश्व दसवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। इस वर्ष की थीम "वसुधैव कुटुम्बकम" है, जो पूरी मानवता को एक साथ जोड़ने का संदेश देती है। यह दिवस भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की पहल पर 2015 से मनाया जा रहा है, जिसने योग को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है। इस सिलसिले में गलगोटिया विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस वर्ष के योग दिवस समारोह में दुनिया भर के लोगों ने भाग लिया।
सीईओ ने दिए सुझाव
विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कोविड-19 महामारी के बाद योग के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। गलगोटिया विश्वविद्यालय सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया कहा, 'किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग सबसे अधिक प्रभावी है। यह गंभीर से गंभीर बीमारियों को भी ठीक करने में सक्षम है।' योग गुरु थान सिंह ने विद्यार्थियों को अनुलोम-विलोम, कपालभाति, प्राणायाम, भुजंगासन, शीर्षासन और प्रणव जाप जैसे योगाभ्यासों का महत्व समझाया। उन्होंने कहा, 'योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभदायक है। इस लिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें जीवन भर योग की विधाओं का अनुसरण करना चाहिए।'
स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा योग : सुनील गलगोटिया
विश्वविद्यालय चांसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि योग हमारी भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है। आज दुनिया भर के लोग इसे अपने जीवन में शामिल कर रहे हैं। भारतीय योग गुरुओं ने विदेशी धरती पर भी योग की उपयोगिता और महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई है। सुनील गलगोटिया ने विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी योग के महत्व को स्वीकार करते हुए इसे स्वस्थ जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है।