Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिले की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले बिसरख के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और पूर्व जिला पंचायत सदस्य ध्यान सिंह भाटी का रविवार की शाम निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार सोमवार की सुबह उनके पैतृक गांव बिसरख में किया गया। अंतिम संस्कार में जिले भर से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जो उनके प्रति सम्मान और उनके योगदान के प्रति लोगों की गहरी संवेदनाओं का प्रतीक था।
पंचायत स्तर से की राजनीतिक सफर की शुरुआत
ध्यान सिंह भाटी का जन्म और प्रारंभिक जीवन बिसरख गांव में एक किसान परिवार में हुआ। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पंचायत स्तर से की और धीरे-धीरे वह जिले की राजनीति में प्रभावशाली हस्ती बन गए। उन्होंने बिसरख ब्लॉक के प्रमुख के रूप में सेवा की और जिला पंचायत सदस्य का दायित्व भी निभाया। उनके नेतृत्व में उन्होंने ग्रामीण विकास के अनेक कार्य किए और जिले की पंचायत राजनीति में एक मजबूत कद हासिल किया।
ध्यान सिंह भाटी का परिवार
ध्यान सिंह भाटी के परिवार में उनके बड़े पुत्र अरविंद भाटी वर्तमान में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में कार्यरत हैं। छोटे बेटे अमरीश भाटी बिसरख के ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं। ध्यान सिंह भाटी की मां शांति देवी भी राजनीति में सक्रिय रही हैं और बिसरख की ब्लॉक प्रमुख के पद पर सेवा दे चुकी हैं। ध्यान सिंह भाटी का परिवार पंचायत राजनीति में एक मजबूत उपस्थिति बनाए हुए है।
जिले की राजनीति में शोक की लहर
उनकी मृत्यु से जिले की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई। गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा और विधायक तेजपाल नागर ने ध्यान सिंह भाटी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया और इसे जिले के लिए एक बड़ी क्षति बताया। सांसद महेश शर्मा ने कहा कि ध्यान सिंह भाटी ने जिले की पंचायत राजनीति में एक लंबा योगदान दिया है और उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी। विधायक तेजपाल नागर ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि वह एक सच्चे जनसेवक थे, जिन्होंने समाज के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहे।
ध्यान सिंह भाटी ने गौतमबुद्ध नगर को बहुत कुछ दिया
ध्यान सिंह भाटी न केवल पंचायत स्तर पर बल्कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उनके इस योगदान के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी एक विशेष पहचान थी। करीब दो दशक तक उन्होंने पंचायत राजनीति में अपनी शानदार उपलब्धियां हासिल की और अपने प्रभावशाली नेतृत्व से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई। उनके निधन के साथ गौतमबुद्ध नगर की पंचायत राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।