गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा हॉस्पिटल को नोटिस जारी करते हुए तुरंत जवाब तलब किया है। गौतमबुद्ध नगर के डिप्टी कलेक्टर/कोविड टेस्टिंग एवं लैब के नोडल अधिकारी राजीव राय ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट को कड़ी चेतावनी देते हुए अंतिम नोटिस जारी किया है। प्रबंधन से तत्काल इस पर जवाब देने के लिए कहा गया है। शारदा हॉस्पिटल पर कोरोना के आंकड़ों को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। अस्पताल में हुई आरटीपीसीआर रिपोर्ट को यूपी कोविड पोर्टल पर अपलोड करने में कई विसंगतियां पाई गई हैं। अस्पताल प्रशासन ने पिछले 23 अप्रैल से 1 मई तक के आरटीपीसीआर रिपोर्ट को यूपी कोविड पोर्टल पर 10 मई को अपलोड किया। इसमें भी सिर्फ 191 पॉजिटिव मरीजों की जानकारी दी गई। उनकी भी जानकारी अधूरी पाई गई।
जिला प्रशासन ने नोटिस में पूछा है कि आखिर हॉस्पिटल प्रबंधन ने 15 दिन बाद रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड क्यों की? इससे संक्रमितों तक दवाइयां पहुंचाने, उन्हें आइसोलेट करने और कंटेन्मेंट जोन बनाने में अनावश्यक देरी हुई। यहां तक कि पॉजिटिव आए कई मरीजों की जानकारी गलत मिली। ज्यादातर लोगों के नंबर गलत मिले। कई मरीजों का पूरा पता सिस्टम में अपडेट नहीं किया गया। इस वजह से उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो गया। जिला प्रशासन ने कहा है कि तत्काल इसका जवाब नहीं मिलने पर अस्पताल प्रशासन पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गलतियां गिनाई हैं
डिप्टी कलेक्टर राजीव राय ने शारदा हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशुतोष निरंजन को शुक्रवार को यह नोटिस भेजा है। इसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा है कि अस्पताल ने यूपी कोविड पोर्टल पर डेटा अपडेट करने में गंभीर अनियमितता एवं लापरवाही बरती है। नोटिस में लिखा है कि, “यूपी कोविड पोर्टल पर शारदा हॉस्पिटल द्वारा अपलोड की गई आरटी-पीसीआर रिजल्ट का विश्लेषण करने पर पाया गया कि 10 मई को कुल 191 मरीजों का परिणाम अपलोड किया गया। जिसमें सभी मरीज आरटी-पीसीआर पॉजिटिव पाए गए। इससे यह पता चलता है कि अस्पताल में नेगेटिव रिपोर्ट के सैंपल्स की एंट्री पोर्टल पर नहीं की। यह त्रुटिपूर्ण है और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को दिखाता है।”
15 दिन बाद अपडेट किया गया डेटा
अधिकारी ने आगे लिखा है, “इन 191 मरीजों के डेटा विश्लेषण से यह पता चला है कि शारदा हॉस्पिटल में बैकलॉग एंट्री की जा रही है। समय से पोर्टल पर रिजल्ट अपलोड नहीं किया जा रहा है। 23 अप्रैल से 1 मई तक के दौरान कलेक्ट किए गए सैंपल और रिजल्ट को 10 मई को अपलोड किया गया। जबकि इन 191 मरीजों में से 23 अप्रैल को 11, 28 अप्रैल को 28, 29 अप्रैल को 19, 30 अप्रैल को एक, 1 मई को 48, 2 मई को दो, 4 मई को एक और 7 मई को 29 मरीजों का सैंपल लिया गया। इन सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव थी और इन सब का डाटा 10 मई को यूपी कोविड पोर्टल पर अपलोड किया गया। इससे स्पष्ट है कि सैंपल का रिजल्ट 15 दिनों से ज्यादा की देरी के बाद अपडेट किया गया। इस लापरवाही के चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को मरीजों को आइसोलेट करने, उनका इलाज करने और कंटेनमेंट जोन बनाने में अत्यंत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।”
189 मरीजों के एड्रेस अपूर्ण निकले
उन्होंने आगे लिखा है कि, “शारदा हॉस्पिटल द्वारा मरीजों का सही पता भी पोर्टल पर अपडेट नहीं किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर नीतीश कुमार का पता सिर्फ मेरठ दिखाया गया है। जबकि सुधीर कुमार तान्या कुमारी और आशा गुप्ता का पता बुलंदशहर दिखाया गया है। लेकिन इन सभी की केस आईडी गौतमबुद्ध नगर की बनाई गई। यह घोर अनियमितता का परिचायक है। हॉस्पिटल ने जिन 191 मरीजों का डाटा पोर्टल पर अपडेट किया है, उनमें से सिर्फ दो का ही पूरा पता सही है। बाकी 189 मरीजों का पता अपूर्ण है। उदाहरण के तौर पर मरीजों के एड्रेस में सिर्फ सेक्टर, जेपी ग्रीन, गामा टू, सिगमा, अल्फा-वन और डेल्टा लिखा है। इससे मरीजों के इलाज, दवा वितरण और कंटेनमेंट जोन निर्धारित करने में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को मुश्किलें आ रही हैं। इन सब से यह स्पष्ट होता है कि शारदा हॉस्पिटल की लैब में मरीजों की टेस्टिंग के उपरांत डेटा को यूपी कोविड पोर्टल पर शासन के निर्देशों के मुताबिक अपडेट नहीं किया जा रहा है।
अंतिम नोटिस जारी हुआ
नोटिस में चेतावनी देते हुए लिखा है कि, “12 और 13 मई को भी कोविड पोर्टल पर अस्पताल की तरफ से अपडेट किए गए डाटा में कई कमियां पाई गईं। यह क्षम्य नहीं है। शारदा हॉस्पिटल को इस संबंध में पहले भी सूचित किया गया है। बार-बार बताने के बावजूद भी सुधार नहीं किया जा रहा है। इसलिए कड़ी चेतावनी देते हुए हॉस्पिटल को अंतिम नोटिस जारी किया गया है। इस संबंध में आपको तत्काल अपना स्पष्टीकरण उपलब्ध कराना जरूरी है। अन्यथा उक्त आदेशों की अवहेलना के संबंध में अस्पताल के विरुद्ध महामारी अधिनियम 1897 की धारा-2 और महामारी कोविड-19 नियमावली 2020 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। इसका उत्तरदायित्व अस्पताल पर होगा।”