Greater Noida News : सुपरटेक लिमिटेड की 17 अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) ने तीन चरणों में इन परियोजनाओं को पूरा करने का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट को सौंपा है। जिसकी अंतिम मंजूरी अब शीर्ष अदालत से मिलेगी। यह अधूरी परियोजनाएं नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, मेरठ और उत्तराखंड में फैली हुई हैं।
दिवालिया होने से निर्माण पर लगी रोक
सुपरटेक के दिवालिया घोषित होने के बाद ये परियोजनाएं रुक गई थीं। जिससे 15,000 से अधिक खरीदारों को अपने घरों का इंतजार करना पड़ रहा है। इनमें से कई खरीदारों ने एक दशक से भी अधिक समय पहले अपने घर बुक किए थे, लेकिन बिल्डर के आर्थिक संकट और समय पर परियोजनाओं को पूरा न कर पाने के कारण उन्हें अब तक घर नहीं मिल सके। अब इन परियोजनाओं का भविष्य अदालत के हाथों में है, जो एनबीसीसी के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
कैसे होगा प्रॉजेक्ट पर काम
एनबीसीसी के प्रस्ताव के अनुसार पहले फेज में नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सात परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें नोएडा की रोमानो, केपटाउन, इकोसिटी और ग्रेटर नोएडा की इकोविलेज-दो, सीजार, इकोविलेज-तीन और स्पोर्ट्स विलेज शामिल हैं। दूसरे चरण में नोएडा की नार्थआई, ग्रेटर नोएडा की अपकंट्री, इकोविलेज-एक, मेरठ की मेरठ स्पोर्ट्स सिटी और ग्रीन विलेज मेरठ परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा। तीसरे फेज में गुरुग्राम की हलटाउन, अराविले, उत्तराखंड की रिवरक्रस्ट, दून स्क्वायर और बैंगलोर की मिकासा परियोजनाओं को शामिल किया गया है।
खरीदारों को न्याय की उम्मीद
इन परियोजनाओं में निवेश करने वाले हजारों परिवार अब सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे अपने सपनों का घर हासिल कर सकें। सुप्रीम कोर्ट से एनबीसीसी द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने पर निर्माण कार्य फिर से शुरू हो जाएगा, जिससे खरीदारों को राहत मिल सकती है।