Greater Noida : देश में प्रबंधन शिक्षा के लिए मशहूर ग्रेटर नोएडा के बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (BIMTECH Greater Noida) का स्थापना दिवस गांधी जयंती के अवसर पर मनाया गया। संस्था ने अपना 35वां स्थापना दिवस मनाया है। सेबी और एलवाईसी के पूर्व अध्यक्ष जीएन बाजपेयी ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर बिमटेक के निदेशक डॉ.हरिवंश चतुर्वेदी, उपनिदेशक अनुपम वर्मा और प्रोफेसर सलोनी सिन्हा, (मेंटर-मजलिस) ने औपचारिक दीप प्रज्ज्वलित करके स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत की।
डॉ.हरिवंश चतुर्वेदी ने महात्मा गांधी और बिड़ला को याद किया
बीते शुक्रवार को स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत हुई और यह 3 दिन तक चला। रविवार की शाम समापन समारोह का आयोजन किया गया। परंपरा के अनुसार बिमटेक के निदेशक डॉ.हरिवंश चतुर्वेदी ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉक्टर चतुर्वेदी ने कहा, "आज के मुख्य अतिथि जीएन बाजपेयी उद्योग जगत के जाने-माने नाम हैं। हमारे अतिथि, संकाय सहयोगियों, पूर्व छात्रों, वर्तमान छात्रों और अभिभावकों का हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। हमने कोविड के पिछले दो वर्षों के दौरान कई दर्द, मृत्यु, पीड़ा, तनाव, भय, भूख और अभाव देखा है। उस मुश्किल समय में हमने महात्मा गांधी को याद किया। जिन्होंने हमें दूसरों के दुखों के प्रति सहानुभूति रखना सिखाया। आज और हमेशा के लिए आशा की किरण बापू को हमारी श्रद्धांजलि है। आज का दिन हमारे संस्थापकों, संरक्षकों, स्वर्गीय बसंत कुमार बिड़ला जी और सरला बिड़ला जी को याद करने का भी है, जो गांधीवादी विचारों और ज्ञान के बहुत करीब थे।"
डॉक्टर चतुर्वेदी ने आगे कहा, "बिड़ला समूह के संस्थापक, स्वर्गीय जीडी बिड़ला स्वर्गीय बसंत कुमार जी के पिता थे। वह महात्मा गांधी के करीबी शिष्य और पारिवारिक मित्र रहे। आप उन दोनों महान आत्माओं की नजदीकियों का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि साल 1942 में महात्मा गांधी ने हमारे संस्थापकों के विवाह की व्यवस्था अपने वर्धा आश्रम में की थी। हमारे संस्थापकों ने हमें "मूल्यों के साथ उत्कृष्टता" का आदर्श वाक्य दिया है। जो हमारे लोगो का भी एक अभिन्न अंग है। हम हमेशा अपने विचारों और जीवन में इसका पालन करने का प्रयास करते हैं। इस महत्वपूर्ण दिन पर हमारे मुख्य अतिथि बनने और समय निकालने के लिए मैं जीएन बाजपेयी जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। इस महत्वपूर्ण विषय पर आपके विचार जानने के लिए हम सभी उत्साहित हैं।"
"वैष्णव जन तो तेने कहिये" का अर्थ समझाया गया"
डॉ.मीरा कपूर ने भजन का अर्थ समझाया। उन्होंने बताया कि "वैष्णव जन तो तेने कहिये" का मतलब यह है कि "आप एक अच्छे इंसान तभी होते हैं, जब आपको दूसरों के दर्द का एहसास होता है"। बापू ने हमेशा हमें दूसरों की पीड़ा के प्रति सहानुभूति रखना सिखाया है। हमारे संरक्षक और बिमटेक के संस्थापक बसंत कुमार बिड़ला और सरला बिड़ला गांधीवादी विचारों और ज्ञान के बहुत करीब थे। हमारे संस्थापकों ने हमें एक आदर्श वाक्य दिया था "उत्कृष्टता मूल्यों के साथ", जो हमार मूलमंत्र का भी एक हिस्सा है। हम हमेशा इसे अपने विचारों और जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं। यह हमारा मूल्य उद्धरण है और इसमें नवाचार और उद्यमिता के प्रमुख मूल्य हैं।
सीएसआर और इनवायरमेंट पर बोले जीएन बाजपेई
जीएन बाजपाई ने महात्मा गांधी और बसंत कुमार बिरला को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने यजुर्वेद से प्राप्त होने वाले मूल्यों के बारे में बात की। इसके पश्चात उन्होंने डोग्मा, रे सेमसन, एडम स्मिथ, जेम्सन और मेकलेसन द्वारा प्रस्तुत मूल्यों के बारे में बात की। ईएसजी स्कोर किसी कंपनी, फंड, पर्यावरण, सामाजिक और शासन के मुद्दों के संबंध में सुरक्षा के प्रदर्शन का एक उद्देश्य माप या मूल्यांकन है। उनके भाषण का मुख्य केंद्र निगमित (कॉरपोरेट) सामाजिक जिम्मेदारी और पर्यावरण संरक्षण रहा। साथ ही युवाओं को बदलते तकनीकों के साथ बेहतर तरीके से सामंजस्य बनाने के लिए अपनी कौशल व प्रतिभाओं पर निरंतर काम करते रहना चाहिए।
डॉ.सचिन मंगला को दिया गया बसंत कुमार बिड़ला अवॉर्ड
इसके बाद प्रतिष्ठित बसंत कुमार बिड़ला पुरस्कार-2021 के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। प्रथम पुरस्कार डॉ.सचिन मंगला को दिया गया है। वह ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी हरियाणा के शिक्षक हैं। द्वितीय पुरस्कार डॉ.शालिनी तलवार को दिया गया है। वह मुंबई में एसजेएमआईआर में कार्यरत हैं। तृतीय पुरस्कार डॉ.राजेश को दिया गया है। वह एमडीआई गुड़गांव के शिक्षक हैं। इसके अलावा एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.अर्चना श्रीवास्तव, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.फतहउद्दीन को बेस्ट रिसर्च अवॉर्ड दिया गया है। प्रोफेसर डॉ.राहुल सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.मीना और असिस्टेंट प्रोफेसर मोनिका मित्तल को बेस्ट टीचर अवॉर्ड दिया गया है। संस्था के स्तंभ और बिमटेक में दस साल पूरे करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया है।
तीन दिन अस्मिता थियेटर ग्रुप ने कई नाटकों का मंचन किया
इसके बाद एनुअल एक्टिविटी रिपोर्ट 'वीमेन इन एजुकेशन एंड वर्क लाइफ' और 'बेयोंड द बीटन पाथ' का विमोचन किया गया। बिमटेक ने 30 सितम्बर और 1 अक्टूबर को नुक्कड़ नाटक व प्ले का आयोजन किया। 30 सितम्बर को दिलचस्प नुक्कड़ नाटक 'मोटेराम का सत्याग्रह' का मंचन किया गया। यह मुंशी प्रेमचंद के नाटक पर आधारित है। नाट्य ग्रुप 'अस्मिता थिएटर ग्रुप' ने इसका मंचन किया। अस्मिता थिएटर का दूसरा नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम "नशा" बहुत ही आकर्षक और मनोरंजक था। एक अक्टूबर की रात बिमटेक में असगर वजाहत के मशहूर नाटक 'जिसने लाहौर नी वेख्या' का मंचन किया गया। यह आपसी सौहार्द्र की अहमियत को दर्शाता है। कार्यक्रम का समापन उपनिदेशक डॉ.अनुपम वर्मा ने पारंपरिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया।