चिटहेरा भूमि घोटाला : पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों समेत 11 के खिलाफ चार्जशीट, TRICITY TODAY की मुहिम को बड़ी कामयाबी

Tricity Today | पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों समेत 11 के खिलाफ चार्जशीट, TRICITY TODAY की मुहीम को बड़ी कामयाबी



Greater Noida : गौतमबुद्ध नगर के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले में कार्रवाई का दौर जारी है। घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर समेत 8 लोगों पर 20 मार्च 2023 को गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है। अब इस मामले में गौतमबुद्ध नगर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 11 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। बड़ी बात यह है कि इनमें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के समधी और समधन भी शामिल हैं। आपको बता दें कि इनकी कंपनी त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड पर चिटहेरा गांव में बड़े पैमाने पर सरकारी और किसानों की जमीन हड़पने के आरोप हैं। इस घोटाले का खुलासा आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल TRICITY TODAY ने किया था। जिसके बाद गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने जांच की। जांच के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई के आदेश पर दादरी कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।

अनिल राम, साधना राम और नरेंद्र कुमार पर चार्जशीट
इस मामले में क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें अनिल राम, साधना राम और नरेंद्र कुमार समेत 11 आरोपियों के नाम हैं। इन सभी पर धोखाधड़ी, लाभ अर्जित करने के लिए कूटरचना करने, छल के प्रयोजन से कूटरचना करने, जाली दस्तावेज का कपटपूर्वक असली के रूप में उपयोग करने, आपराधिक षड्यंत्र रचने, जबरदस्ती वसूली करने, अनुसूचित जाति के किसानों को उनकी भूमि से बेदखल करने जैसे संगीन आरोप हैं। इस घोटाले में भूमाफिया यशपाल तोमर से कहीं ज्यादा लाभ इनकी कंपनी त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड में उठाया है। इस कंपनी के दो निदेशक अनिल राम और साधना राम हैं। कंपनी ने नरेंद्र कुमार नाम के व्यक्ति को ऑथराइज्ड सिग्नेटरी बनाकर बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद-फरोख्त की।

जमीन और पैसा लौटाया लेकिन रियायत नहीं मिली
कंपनी की डायरेक्टर साधना राम ने खुद चिटहेरा गांव की महिला शिमला से जमीन खरीदने के लिए वर्ष 2013 में सौदा किया था। दादरी के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट पर नरेंद्र कुमार और भूमाफिया गैंगस्टर यशपाल तोमर के दस्तखत हैं। यशपाल की फोटो भी चस्पा है। जिससे साधना राम और यशपाल तोमर के कनेक्शन स्टेब्लिश हुए। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद इनकी कंपनी ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को मुआवजा और जमीन भी वापस लौटाई है। इसके बाद भी पुलिस ने इन्हें आरोपित किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदार हैं अनिल और साधना
त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की डायरेक्टर साधना राम और अनिल राम उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के रिश्तेदार हैं। यह दोनों विजय बहुगुणा के पुत्र साकेत बहुगुणा के सास और ससुर हैं। दरअसल, साकेत बहुगुणा की शादी पैथोलॉजिस्ट गौरी बहुगुणा से हुई है। साधना राम और अनिल राम उनके माता-पिता हैं। हम आपको पहले ही जानकारी दे चुके हैं कि इस मामले में जिन 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

एफआईआर में था कम्पनी का नाम 
चिटहेरा भूमि घोटाले में गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई। जिसमें 9 लोगों को अभियुक्त बनाया गया। सबसे पहला नाम यशपाल तोमर का है। दूसरे नंबर पर नरेंद्र कुमार पुत्र पितांबर लाल है। यह व्यक्ति त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का अथॉराइज्ड सिग्नेट्री था। त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अनिल राम और साधना राम हैं। ट्राईसिटी टुडे ने चिटहेरा गांव में किसानों और भूमाफिया के बीच हुए एग्रीमेंट, बैनामों और दादरी तहसील से हासिल की गई खतौनी में दर्ज इंतखाबात की पड़ताल की थी। जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अब इन्हीं तथ्यों पर पुलिस ने भी अपनी मुहर लगाई है।

भूमाफिया घोषित की गई थी कम्पनी
इस कंपनी ने नरेंद्र कुमार पुत्र पितांबर लाल को ऑथराइज्ड सिग्नेटरी बनाया गया। इस आधार पर नरेंद्र ने चिटहैरा गांव के दलितों से जमीन खरीदी। चिटहैरा के करतार पुत्र श्रीनिवास, जयवीर पुत्र ओम प्रकाश, हेम सिंह पुत्र तेजपाल, अनिल पुत्र सुखबीर, श्रीनिवास पुत्र रामदास, मांगेराम पुत्र सुखबीर, किरण पत्नी ज्ञानचंद, यूनुस पुत्र मोहम्मद शफी और यासीन पुत्र हफीज से बैनामे करवाए। दादरी तहसील के रेवेन्यू रिकॉर्ड में चिटहेरा वालों के नाम खारिज करके 4 दिसंबर 2015, 28 मार्च 2016 और 17 अगस्त 2016 को कंपनी के नाम अमलदरामद किए गए थे। गौतमबुद्ध नगर डिस्ट्रिक्ट टास्क फ़ोर्स ने कम्पनी को भूमाफिया घोषित किया था।

इन लोगों के खिलाफ दाखिल हुई चार्जशीट
1. नरेंद्र कुमार पुत्र पीतांबर लाल
2. अनिल राम पुत्र ऋषि राम
3. साधना राम पत्नी अनिल राम
4. गोवर्धन सिंह (कानूनगो) पुत्र लीलाधर
5. मालू पुत्र वीरेंद्र
6. गिरीश वर्मा पुत्र राम प्रताप वर्मा
7. कृष्णपाल पुत्र छोटे
8. बैलू पुत्र रामस्वरूप
9. कर्मवीर पुत्र प्यारेलाल
10. शीतला प्रसाद (लेखपाल) 
11. यशपाल तोमर पुत्र महेंद्र सिंह

इन आरोपों में दाखिल हुई चार्जशीट
1. आईपीसी 420 (धोखाधड़ी)
2. आईपीसी 467 (लाभ अर्जित करने के लिए कूटरचना)
3. आईपीसी 468 (छल के प्रयोजन से कूटरचना)
4. आईपीसी 471 (जाली दस्तावेज का कपटपूर्वक असली के रूप में उपयोग)
5. आईपीसी 120बी (आपराधिक षड्यंत्र)
6. आईपीसी 384 (जबरदस्ती वसूली)
7. एससी एसटी एक्ट 3/1ई (किसी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य को उसकी भूमि या परिसर से गलत तरीके से बेदखल करना)
 

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