खास रिपोर्ट : ग्रेटर नोएडा की डॉग मदर के पास 137 पशुओं का बड़ा परिवार, जानिए कैसे करती हैं इनका पालन-पोषण

Tricity Today | कावेरी राणा भारद्वाज और रवीना टंडन



Greater Noida : आपने अपने आसपास डॉग लवर्स तो जरूर देखे होंगे जो डॉगी से बहुत ही ज्यादा प्यार करते हैं और अपने परिवारिक सदस्य की तरह डॉगी को पालते भी हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला डॉग लवर से बारे में बताएंगे, जिनके पास एक या 2 नहीं दो नहीं बल्कि 100 से ज्यादा कुत्ते हैं। जिनका वह बखूबी ख्याल भी रखती हैं और इतना ही नहीं उनके खाने-पीने का भी पूरा ध्यान रखती हैं। इनके पास सिर्फ डॉगी नहीं बल्कि काफी अन्य जानवर भी हैं।

ग्रेटर नोएडा में बनाई डॉग्स के लिए अलग सेंचुरी
ग्रेटर नोएडा में 'डॉग मदर' के नाम से मशहूर कावेरी राणा भारद्वाज 100 से भी ज्यादा डॉगी का ख्याल रखती है। कावेरी भारद्वाज ने ग्रेटर नोएडा में स्थित एक सेंचुरी में इन सभी डॉगी को रख रखा हैं। जहां पर वह बखूबी से उनका ख्याल रखती है। शहर में भटक गए डॉगी को वह इस शेल्टर होम में लाकर रखती हैं और उनका खान-पान से लेकर हर छोटी-मोटी चीजों का ख्याल रखती है। इस शेल्टर होम में वो डॉगी भी है, जिसका दुर्घटना में कोई शरीर का अंग खराब हो गया है। उनका यहां पर ध्यान रखा जाता है। इस शेल्टर होम में 100 से भी ज्यादा आवारा कुत्ते हैं।

कावेरी के पास 137 पशुओं का बड़ा परिवार
कावेरी ने बताया कि उनके पास जो डॉगी हैं, उनमें से अधिकतर पैरालाइज हैं। हालांकि, वो अब धीरे-धीरे ठीक हो रहे है। उन्होंने बताया कि उनके पास इस वक्त 137 पशुओं का भारी-भरकम परिवार है। उन्होंने कहा, "मेरे पास इस समय 125 डॉग, पांच गधे, 6 गोवंश और 3 बंदर हैं। मेरी नवादा गांव में एक सेंचुरी है। मेरे एक जानने वाले हैं, जिनका वहां पर खेत है। उन्होंने खेत की 3 बीघा जमीन दी है। मैंने उस खेत को सेंचुरी में बदलकर वहां पर जानवर को रखा है। उनको कोई पैसा नहीं देना पड़ता है। अभी उन्होंने जानवरों की सेवा के लिए यह जमीन दी है।"

'एडॉप्ट, डोंट शॉप' है कावेरी राणा का मोटो
कावेरी राणा भारद्वाज की पहचान पशु प्रेमियों में होती है। वह खासतौर से डॉग्स को बड़ा प्रेम करती हैं। यही वजह है कि उन्हें ग्रेटर नोएडा शहर के लोग 'डॉग मदर' के नाम से जानते हैं। वह कुत्तों पर अत्याचार, मारपीट करने वालों और तिरस्कार करने वालों के खिलाफ लगातार आवाज उठाती रहती हैं। कावेरी राणा का मूल मंत्र 'अडॉप्ट, डोंट शॉप' है। वह कहती हैं कि डॉग्स हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनकी खरीद-फरोख्त नहीं करनी चाहिए। इन्हें प्रेम करना चाहिए और प्रेम के साथ ही गोद लेकर पालना चाहिए। अगर किन्ही कारणों से कोई अपने पालतू डॉग्स को छोड़ना चाहता है तो उसे मित्रों, रिश्तेदारों या पड़ोसियों को सौंपना चाहिए। कावेरी राणा भारद्वाज स्ट्रीट डॉग्स के लिए लम्बे अरसे से काम कर रही हैं।

सोशल सपोर्ट से चलता है डॉगी फैमिली का खर्चा
लोग बीमार कुत्तों को छोड़ कर चले जाते हैं। कावेरी इनका इलाज करवाती हैं। इनके खाने-पीने का पूरा ख्याल रखती हैं। इस सब पर बड़ा खर्च करना पड़ता है। कावेरी राणा बताती हैं, "मेरी काफी लोग मदद करते हैं। मेरे दोस्त भी मेरी मदद करते हैं। काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन मेरे पति मेरा काफी सहयोग करते हैं। यह पूरा प्रोजेक्ट सोशल सपोर्ट सही चल रहा है।" उन्होंने बताया कि रवीना टंडन के पास एक इंडियन डॉग था। जिसकी पिछले साल ही डेथ हुई है। 

एक महीना पहले रवीना टंडन ने फोन करके डॉगी मांगी थी
कावेरी राणा ने कहा, "मैंने करीब एक महीना पहले ग्रेटर नोएडा में रहने वाली एक फैमिली से फीमेल डॉगी को गोद लिया था। मैंने एक ट्वीट अपलोड किया था। जिसके बाद रवीना टंडन ने फोन पर मुझसे बात की। उन्होंने कहा था कि इस फीमेल डॉगी को मैं ही एडॉप्ट करूंगी। बीते दिनों रवीना टंडन दिल्ली में आईं तो उन्होंने जानकारी दी। मैंने रवीना टंडन से अपने डॉगी के साथ मुलाकात की। उन्होंने इसे गोद ले लिया है। वह अभी मेरे पास रहेगी। कुछ दिनों पहले मैंने इसकी नसबंदी के लिए प्राइवेट डॉक्टर से सर्जरी करवाई है।" 

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