Tricity Today | जिम्स में वैक्सीन के असर पर होगा शोध
कोरोना महामारी के प्रभाव, वैक्सीन का असर, वैक्सीन लगवाने में लोगों के भ्रम को दूर करने समेत 12 विषयों पर राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) शोध करेगा। इसके लिए आईसीएमआर को प्रस्ताव भेज दिए गए हैं। शोध में होने वाले खर्चे का वहन आईसीएमआर करेगा। आईसीएमआर की हरी झंडी के बाद जिम्स में शोध कार्य शुरू हो जाएंगे। संस्थान का कहना है कि अगर आईसीएमआर से फंड नहीं मिला, तो वह अपने स्तर पर शोध करेंगे।
कोरोना वायरस को लेकर देशभर में शोध कार्य चल रहे हैं। इसके नए-नए वेरिएंट के प्रभाव समेत तमाम बिंदुओं पर शोध कार्य किया जा रहा है। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में भी निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता की अगुवाई में शोध कार्य चल रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान बेहतर इलाज की बदौलत जनपद में मौत की दर सबसे कम रही। दूसरी वेव के बाद इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मेडिकल संस्थानों से शोध के विषयों को लेकर प्रस्ताव मांगे थे। 30 जून तक संस्थानों को अपने प्रस्ताव देने थे।
ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) ने भी 12 प्रस्ताव भेजे हैं। इन 12 बिंदुओं पर जिम्स शोध कार्य करेगा। इन शोध कार्यों के लिए आईसीएमआर फंड मुहैया कराएगा। जिम्स प्रबंधन का कहना है कि अगर आईसीएमआर से फंड नहीं मिलता है तो भी संस्थान अपने स्तर पर यह शोध कार्य करेगा। आईसीएमआर की हरी झंडी मिलने के बाद शोध कार्य शुरू हो जाएंगे।
जिम्स प्रबंधन ने अपने शोध विषयों के प्रस्ताव एमसीआर को भेज दिए हैं। पहले प्रस्ताव में बताया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव के साथ-साथ जिन लोगों को वैक्सीन की दो डोज दी गई है, उनका क्या प्रभाव रहा है।
कोविड मरीजों में होने वाले ब्लैक फंगस को लेकर भी शोध कार्य करने की बात कही गई है। इसमें देखा जाएगा कि कोविड के बाद ब्लैक फंगस क्यों हो रहा है। दोनों में क्या संबंध हैं।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोविड वैक्सीन देने का क्या प्रभाव पड़ता है। इसका भी अध्ययन किया जाएगा।
जो महिलाएं मीनोपॉज तक पहुंच गई है, उनमें वैक्सीन लगाने का क्या प्रभाव है। शोध का यह भी प्रस्ताव भेजा गया है।
यह भी शोध किया जाएगा कि एक व्यक्ति को अलग-अलग कोविड वैक्सीन दी जा सकती है। जैसे पहली डोज कोविशिल्ड की दी गई तो क्या दूसरी डोज कोवैक्सीन की दी जा सकती है। या फिर अगर किसी को दोनों डोज कोवैक्सीन की दी गई हो तो क्या तीसरी डोज कोविशिल्ड दी जा सकती है।
थर्ड वेव में बच्चों में किस तरह के लक्षण आ सकते हैं।
बच्चों और सामान्य मरीजों में कोविड लक्षणों में क्या अंतर है।
जिम्स यह भी शोध करेगा कि वैक्सीन लगवाने से लोग क्यों हिचक रहे हैं। इसके उपाय भी सुझाएगा ताकि लोग अधिक से अधिक संख्या में वैक्सिंग लगवा सकें।
आईसीएमआर ने शोध के प्रस्ताव मांगे थे। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने 12 प्रस्ताव भेज दिए हैं। इन 12 विषयों पर शोध किया जाएगा। -डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, संकाय प्रभारी प्रशासन, जिम्स