ग्रेटर नोएडा का मुद्दा : शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल, स्वास्थ्य विभाग का प्लान फेल, जिम्मेदार कौन?

Tricity Today | Pari Chowk



Greater Noida News : शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों की भारी-भरकम टीम के बावजूद शहर और ग्रामीण इलाकों में कूड़ा-कचरा हर जगह फैला हुआ है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण हर महीने सफाई व्यवस्था पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है, लेकिन इसका कोई असर जमीनी स्तर पर नहीं दिखता। शहर में सड़कों, गलियों और नालियों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिससे नागरिकों में रोष और नाराज़गी बढ़ती जा रही है।

कई अफसर कर रहे शहर की निगरानी, फिर भी ऐसा हाल
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रविकुमार एनजी की देखरेख में जीएम इंदु प्रकाश, डीजीएम आरके भारती, तीन वरिष्ठ प्रबंधक सहित 52 सुपरवाइजर और 9 हेल्थ इंस्पेक्टरों की टीम तैनात है। इसके बावजूद सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। कई इलाकों में कूड़ा उठाने वाले कर्मचारी कई-कई दिनों तक नहीं पहुंचते। जिससे लोग कूड़ा सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं। 

ग्रामीण इलाकों की स्थिति और भी बदतर
शहर की सफाई व्यवस्था तो खराब है, लेकिन ग्रामीण इलाकों की स्थिति इससे भी बदतर है। तिलपता गांव के समाजसेवी सुखबीर आर्य का कहना है कि गांव में महीनों तक झाड़ू तक नहीं लगती। कूड़े के ढेर गलियों में जमा रहते हैं। जिससे संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। जुनपत गांव के निवासी मोहित भाटी ने बताया कि अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के बावजूद गांवों में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। प्राधिकरण के अधिकारियों की लंबी-चौड़ी टीम होने के बावजूद धरातल पर कोई काम होता नहीं दिखता।

शहर में बढ़ती बीमारियों का खतरा
बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप और बढ़ गया है। जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी हुई है और लोग इलाज के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं। सेक्टर बीटा वन के निवासी और एक्टिव सिटिजन टीम के सदस्य हरेन्द्र सिंह भाटी ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सिर्फ अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। शहर में नालियों में गंदा पानी जमा हुआ है, और सड़कों पर आवारा पशु खुलेआम घूम रहे हैं। प्राधिकरण ने शहर में दो गौशालाएं बनाई हैं, लेकिन आवारा पशुओं पर कोई नियंत्रण नहीं है। जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है। 

मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं, फॉगिंग भी ठप
लोगों का आरोप है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अभी तक मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग नहीं कराई है, जिससे बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस स्थिति को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है और वे प्राधिकरण से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही के कारण लोगों का जीवन संकट में है। शहर के नागरिकों का कहना है कि यदि जल्द ही सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ और बीमारियों की रोकथाम के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए तो उन्हें बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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