बड़ी खबर : शारदा, जिम्स और चाइल्ड पीजीआई में बच्चों के लिए आईसीयू बेड तैयार, गौतमबुद्ध नगर प्रशासन का दावा- 'तीसरी लहर से निपट लेंगे'

Google Image | शारदा, जिम्स और चाइल्ड पीजीआई में बच्चों के लिए आईसीयू बेड तैयार



कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर इतनी घातक है कि तीसरी लहर की कल्पना कर ही मन विचलित हो रहा है। इसे रोकने के लिए सरकारों को अभी से परफेक्ट योजना बनानी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने सूबे के सभी जिलों में तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां मुकम्मल रखने का आदेश जारी किया है। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने इस दिशा में मिशन शुरू कर दिया है। ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों में बेड की व्यवस्था की जा रही है। 

कोरोना वायरस की मौजूदा लहर की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद अब जनपद के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ गई है। कई अस्पतालों में आईसीयू तथा वेंटीलेटर बेड अब खाली हैं। ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के निदेशक ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि वायरस की तीसरी लहर आने की आशंका के मद्देनजर जिम्स में 100 बेड तैयार किए जा रहे हैं। यह सुविधा जल्द शुरू हो जाएगी। इसमें आईसीयू, एचडीयू व नॉर्मल बेड शामिल होंगे। 

चाइल्ड पीजीआई नोएडा में 100 बेड
पहले से तैयारियां न होने के कारण मौजूदा लहर में ऑक्सीजन और दवाइयों को लेकर भारी संकट देखने को मिला। अस्पतालों में बेड न मिल पाने की वजह से गंभीर रूप से बीमार कई मरीजों की जान चली गई। इन्हीं सब मुश्किलों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज और राजकीय चिकित्सालय को 100-100 बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। दरअसल विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक साबित होगी। चाइल्ड पीजीआई नोएडा के एमएस आकाश राजन ने बताया कि संस्थान में अभी 10 पीडियाट्रिक आईसीयू की सुविधा है। इसे बढ़ाकर 100 बेड किया जा रहा है। 

शारदा हॉस्पिटल में 160 बेड तैयार
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में स्थित शारदा अस्पताल में भी बच्चों के लिहाज से 160 बेड की व्यवस्था की गई है। अस्पताल के जनसंपर्क निदेशक अजीत कुमार ने बताया कि 20 नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू), 20 बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई, 20 बेड की सुविधा हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) में होगी। वहीं कोविड-19 से उबरने के बाद की समस्याओं का सामना करने वाले मरीजों के लिए 10 बेड का वार्ड तैयार किया गया है। इसकी क्षमता बढ़ाकर 30 करने के भी प्रयास जारी हैं।

अन्य खबरें