केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों ने गुरुवार शाम को केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) और केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस-वे को जाम कर दिया। एक्सप्रेस-वे की ओर जाने के इंतजार में खड़े वाहनों के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 44 पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। कुंडली बार्डर पर रोड जाम कर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब आंदोलन को तेज कर दिया।
गुरुवार की शाम को कई ट्रैक्टर-ट्राली लेकर एक्सप्रेस-वे चढ़ गए और जाम लगा दिया। दोनों एक्सप्रेस-वे बंद होने के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। केजीपी और केएमपी के बंद होने के कारण अंबाला की ओर से आने भारी वाहन जीटी रोड पर ही रुक गए। जिसके कारण रोड पर करीब चार किलोमीटर तक का जाम लग गया।
इसी बीच अंधेरा होते-होते केजीपी-केएमपी सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंच गए थे। किसानों ने दोनों ओर आग जलाकर सरकार का विरोध भी किया। जाम की सूचना पर प्रशासन की ओर से एसडीएम विजय सिंह पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान जाम खोलने को राजी नहीं हुए।
एक्सप्रेस-वे के बंद होने से सोनीपत से बड़े वाहनों का दिल्ली जाने का वैकल्पिक मार्ग भी बंद हो गया। अब केवल गांवों के रास्तों से छोटे वाहन ही दिल्ली जा सकते हैं। कुंडली बार्डर पर चार सप्ताह से किसान जीटी रोड जाम कर बैठे हैं। इससे दिल्ली आवागमन का मुख्य मार्ग पूरी तरह से बंद है। अब सोनीपत और चंडीगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को केजीपी और केएमपी के सहारे दिल्ली की ओर भेजा जा रहा था, लेकिन अब यह रास्ता भी बंद हो गया है।
अब चंडीगढ़ की ओर से आने वाले भारी वाहनों के लिए सोनीपत के बहालगढ़ से बागपत होते हुए दिल्ली जाने का ही विकल्प बचा है। हालांकि सोनीपत शहर से होते हुए खरखौदा के औचंदी बार्डर से होकर भी वाहनों को गुजारा जा रहा है, लेकिन दिल्ली पुलिस बॉर्डर को कभी खोल देती तो कभी बंद कर देती। ऐसे में आने वाले दिनों में सोनीपत की सीमाओं से भारी वाहनों का प्रवेश लगभग मुश्किल हो जाएगा।