UP Assembly Election 2022 : उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) का बिगुल बज चुका है। 15 मार्च के बाद कभी भी पंचायत चुनाव का कार्यक्रम यूपी निर्वाचन आयोग (UP Election Commission) जारी कर सकता है। इससे ठीक पहले गौतमबुद्ध नगर में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) को बड़ा झटका दिया है। बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं को बीएसपी ने तोड़कर अपने खेमे में शामिल कर लिया है। ख़ास बात यह है कि कहने को तो यह पंचायत चुनाव की तैयारी है, लेकिन सही मायने में विधानसभा चुनाव 2022 की बिसात बिछाई जा रही हैं।
बिजेंद्र सिंह भाटी अपने बेटे अमन भाटी के साथ बसपा में शामिल
आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर बीएसपी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का पैतृक गांव है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और पूर्व सीएम मायावती के गृह जनपद में फिर से अपनी ताकत बढ़ाने में जुट गई हैं। बसपा को इस कवायद में बड़ी सफलता मिली है। गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत के पूर्व चेयरमैन बिजेंद्र सिंह भाटी अपने बेटे अमन भाटी और सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए हैं। जिले में उनका काफी प्रभाव है। इससे राजनीतिक समीकरण भी बदल सकते हैं। उन्होंने बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी समसुद्दीन राइन और मुख्य सेक्टर प्रभारी मेरठ मंडल राजकुमार गौतम की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली है।
जानिए इस दल बदल का जिले में चुनाव पर असर क्या होगा?
आपको बता दें कि बिजेंद्र भाटी उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर गुर्जर नेता नरेंद्र सिंह भाटी के छोटे भाई हैं। नरेंद्र सिंह भाटी समाजवादी पार्टी के एमएलसी हैं। बिजेंद्र भाटी दो बार सपा के जिलाध्यक्ष और दो बार जिला पंचायत के सदस्य रह चुके हैं। उनके बेटे अमन भाटी भी एक बार जिला पंचायत के सदस्य रह चुके हैं। सपा के टिकट पर बिजेंद्र भाटी ने 2012 में जेवर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। जिले में सपा विरोधी लहर के बावजूद उन्हें 35 हजार से अधिक वोट मिले थे। ऐसे में पंचायत चुनाव में दल बदल बड़ा असल डाल सकता है।
बिजेंद्र भाटी और परिवार को भाजपा में भविष्य नहीं मिला
बिजेंद्र भाटी पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सांसद डॉ.महेश शर्मा उन्हें लेकर आए थे। महेश शर्मा ने उन्हें पार्टी में बेहतर जगह दिलाने का वादा किया था, लेकिन करीब दो साल बीतने वाले हैं और उन्हें भाजपा में कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा है। लिहाजा, उन्होंने भाजपा को अलविदा कहकर बसपा का दामन थाम लिया है। अब जानकारी मिल रही है कि पहले अमन भाटी बसपा से चुनाव लड़ेंगे और फिर 2022 में बिजेंद्र भाटी जेवर या सिकंदराबाद सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की आंखों का तारा रहे
एमएलसी नरेंद्र सिंह भाटी और बिजेंद्र सिंह पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और फिर अखिलेश यादव की पसंद थे। दोनों भाइयों को पार्टी में पूरी तरजीह मिली और मुंह मांगी मुराद पूरी की गईं। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 2004 गौतमबुद्ध नगर जिले को भंग कर दिया था। इससे जिले के लोग अब तक सपा से नाराज हैं। इसी वजह से यहां कभी सपा जीत हासिल नहीं कर सकी है। नरेंद्र सिंह भाटी और बिजेंद्र सिंह ताकतवर तो रहे लेकिन सपा के झंडे पर कोई चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुए।
स्वागत करने जुटी बसपा नेताओं की भारीभरकम फ़ौज
गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत के पूर्व चेयरमैन बिजेंद्र सिंह भाटी और उनके बेटे अमन भाटी का बहुजन समाज पार्टी में ख़ैरमक़दम करने के लिए बसपा नेताओं की भारीभरकम फ़ौज जुटी। विधान परिषद सदस्य प्रदीप जाटव, जिलाध्यक्ष लखमी सिंह, पूर्व मंत्री करतार नागर, पूर्व विधायक सतवीर गुर्जर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र डाढ़ा, नरेंद्र भाटी डाढ़ा, गजराज नागर, पिछले लोकसभा प्रत्याशी सतवीर नागर और ओमप्रकाश सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे।