Greater Noida News : नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने दिवालिया हो चुकी कंपनी जेपी इंफ्राटेक को लेकर दिए आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। लंबे समय से ये मामला ट्रिब्यूनल में अटका हुआ था। इसके साथ ही सुरक्षा समूह द्वारा जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण का रास्ता लगभग साफ हो गया है। इस मामले में अब मात्र कैबिनेट की मंजूरी ही शेष है।
7936 करोड़ रुपये से जुड़ा मामला
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने पिछले 7 मार्च 2023 को सुरक्षा ग्रुप द्वारा 7936 करोड़ रुपये के ऑफर द्वारा दिवालिया हो चुकी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। अधिग्रहण का यह फैसला जेपी समूह के घर खरीदारों के लिए किसी वरदान की तरह था। लेकिन इसके बाद ही यमुना अथॉरिटी, आयकर विभाग, जयप्रकाश असोसिएट लिमिटेड (जेपी असोसिएट) ने इस आदेश को चैंलेंज कर दिया था।
11 महीने से मामला NCLAT में लंबित था
दरअसल, ट्रिब्यूनल द्वारा सुरक्षा समूह के प्रस्ताव को स्वीकर कर लेने के बाद जेपी इंफ्राटेक की सिस्टर कंपनी जेपी असोसिएट ने मामले में अड़ंगा लगा दिया था। जेपी असोसिएट ने जेपी इंफ्राटेक के साथ किसी समय किए गए करार को ट्रिब्यूनल के सामने रखते हुए कहा कि इंफ्राटेक में होने वाले किसी भी काम पर जितना पैसा खर्च होगा, उसका 15 प्रतिशत पैसा जेपी एसोसिएट्स को लेने का हक है। इस पर 11 महीने से मामला NCLAT में लंबित था। अब इस पर फाइनल मुहर लग गई। अब जेपी असोसिएट को कोई पैसा शायद नहीं देना होगा।