गौतमबुद्ध नगर : गांवों में फ़ैल रही महामारी और ग्रामीणों में फैली दहशत, Video

Tricity Today | गांवों में फ़ैल रही महामारी और ग्रामीणों में फैली दहशत



कोरोना वायरस का संक्रमण अब गांवों की और तेजी से बढ़ रहा है। गौतमबुद्ध नगर के गांवों में बीमारी विकराल रूप ले रही है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गांवों में रोजाना कई-कई लोगों की मौत हो रही हैं। लापरवाह केवल स्वास्थ्य विभाग और अफसर ही नहीं हैं, ग्रामीण भी महामारी को हल्के में लेकर चल रहे हैं। देहात में टेस्टिंग नहीं की बराबर है। ग्रामीण भी अस्पताल जाकर टेस्ट करवाने से बच रहे हैं। महामारी को मामूली बुखार मानकर झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर काटते हैं।

अब आइये आपको हकीकत से रूबरू करवाते हैं। हमने अपने स्तर पर जिले के गांवों में लोगों से बात की। हालात चौंकाने वाले सामने आए हैं। पिछले एक हफ़्ते में दादरी क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत दुजाना में कोरोना जैसे लक्षणों से 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जिले के दूसरे हिस्से दनकौर के भाईपुर गांव में इसी दौरान 12 लोगों की मौत हो चुकी हैं। बीते शनिवार को भट्टा गांव में चार ग्रामीणों की मौत हुई थी। हालात इससे भी कहीं ज्यादा बुरे हैं। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी गांव में तो 30 लोगों की मौत हो चुकी हैं। ग्रेटर नोएडा से सटे साकीपुर गांव में 10, एनटीपीसी दादरी के पास खटाना गांव में 11, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के जलपुरा गांव में 11 और सूरजपुर कस्बे में 15 लोगों की मौत हो चुकी हैं।

आज की कोरोना रिपोर्ट
यूपी के स्टेट सर्विलांस ऑफिसर ने मंगलवार की दोपहर 3:00 बजे पिछले 24 घंटों की रिपोर्ट जारी की है। जिसमें बताया गया है कि गौतमबुद्ध नगर में इस दौरान 1229 संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं। इसी दौरान 1117 मरीज जिले के अस्पतालों से स्वस्थ होकर अपने घर वापस पहुंच गए हैं। अब तक 47,474 लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं। हालांकि, पिछले 24 घंटों के दौरान दुर्भाग्यवश 12 लोगों की मौत भी हुई हैं। जिले में पिछले एक वर्ष के दौरान 339 लोग इस महामारी की चपेट में आकर मर चुके हैं। अभी जिले के अस्पतालों और होम आइसोलेशन में 8,340 सक्रिय मरीज हैं।



जिले के एकमात्र नगर पालिका क्षेत्र दादरी में 23, तुस्याना गांव में 6, हबीबपुर में 8, दौला में 14, दादूपुर में 5, सादुल्लापुर में 10, उस्मानपुर में 8, पारसौल में 7, अस्तौली में 7, मंडी श्याम नगर में 6, बिलासपुर कस्बे में 16, देवटा गांव में 10, लड़पुरा में 9 और बंबावड़ गांव में 23 लोगों की मौत हो चुकी हैं।

इन हालात से एक और गांवों में महामारी तो दूसरी ओर गांव वालों में दहशत फ़ैल रही है। जागरूक लोग इन मौतों को लेकर चिंतित हैं। गांवों में वृहद सेनेटाइजेशन और वैक्सीनेशन की मांग कर रहे हैं। सूरजपुर में रहने वाले कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अतुल शर्मा कहते हैं कि उनके गांव का बुरा हाल है। कोरोना टेस्टिंग नहीं हो रही है। जो लोग मर रहे हैं, उनका रिकॉर्ड भी दर्ज नहीं हो रहा है।

बड़ी संख्या में बीमार लोगों और मौतों को देखकर अब गांव के लोग बचाव के लिए नियमित रूप से मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। जरूरत होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। गांवों में गलियां सूनी पड़ी हैं। सन्नाटा पसरा है। किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी का कहना है कि मरने वालों में ज्यादातर को पहले कोई गम्भीर बीमारी नहीं थी। बस दो चार दिन बुखार आया और मौत हो गई। अचानक हुई मौतों को लेकर ग्रामीण दहशत में हैं। प्रशासन को सारे गांवों में ट्रिपल टी फार्मूला लागू करने की जरूरत है।

दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में हालत संभालने के लिए प्रशासन कोशिशों में जुटा है। मंगलवार को जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने दादरी अस्पताल का दौरा किया है। उनके साथ विधायक तेजपाल नागर और नगर पालिका अध्यक्ष गीता पंडित भी थीं। डीएम ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को कोविड अस्पताल बना दिया गया है। दादरी कस्बे और आसपास के गांवों में सेनिटाइजेशन करवाया जाएगा। वैक्सीनेशन को रफ्तार दी जाएगी।

जेवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को कोविड अस्पताल में बदल दिया गया है। यहां 50 बेड की फेसेलिटी डेवलप की जा रही है। विधायक धीरेन्द्र सिंह खुद पूरे प्रोजेक्ट की कमान संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले एक-दो दिन में इस अस्पताल में मरीज भर्ती होने लगेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी को काबू कर लिया जाएगा। अब देखना यही है कि महामारी को नियंत्रित करने के लिए इन सारे लोगों के प्रयास कितनी जल्दी असर दिखते हैं। फिलहाल तो पल-पल की देरी लोगों के लिए मौत का सबब बन रही है।

अन्य खबरें