Greater Noida : सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा को 164 करोड़ रुपए की ठगी का दोषी माना गया है। परिवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को आरके अरोड़ा के खिलाफ कोर्ट में 100 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया है। जिसमें उसके ऊपर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि आरके अरोड़ा ने अपनी 8 सहयोगी कंपनी के साथ मिलकर काफी घर खरीदारों को लूटा है। इस मामले में अभी सुनवाई अब 28 अगस्त को होगी। आरके अरोड़ा अभी जेल में बंद है। आरके अरोड़ा 27 जून 2023 से जेल में बंद है।
फिलहाल एक साथ 36 मुकदमों की जांच चल रही
परिवर्तन निदेशालय ने धोखाधड़ी, ठगी और घर खरीदारों के साथ फ्रॉड के मामले में सुपरटेक बिल्डर आरके अरोड़ा के खिलाफ चार्जसीट दाखिल की है। इसको दिल्ली के विशेष न्यायाधीश देवेंद्र कुमार की कोर्ट में दाखिल किया गया है। आरोप पत्र में कोर्ट से अपील की गई है कि आरके अरोड़ा के खिलाफ एक्शन लेने के लिए ठोस सबूत मौजूद है। आरोप पत्र में सुपरटेक बिल्डर के 8 साथियों के नाम भी शामिल किए गए हैं। करीब 100 पेज के आरोप पत्र में कहा गया है कि आरके अरोड़ा और उसकी कंपनी ने 164 करोड रुपए से अधिक करोड़ रुपए का फ्रॉड किया है। इस ठगी में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और एनसीआर की काफी मामले शामिल हैं। परिवर्तन निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक एनके भट्ट और वकील मोहम्मद फैजान खान ने चार्जशीट में कहा है कि आरके अरोड़ा के खिलाफ 36 मुकदमों की जांच की जा रही है।
बैंकों से कर्ज लिया और अरबों रुपए एनपीए हुआ
आरके अरोड़ा और उनकी कंपनियों ने केवल आम फ्लैट खरीदार को आर्थिक नुकसान नहीं पहुंचाया है, बल्कि कई बड़े बैंकों को भी अरबों रुपए का नुकसान किया है। प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि अरोड़ा की कम्पनियों ने गलत दस्तावेज और जानकारी देकर बैंकों से बड़े बड़े कर्ज लिए हैं। इसके बाद यह कर्ज वापस लौटाने में नाकाम रहे हैं। फ्लैट खरीदारों से मिले पैसे को गलत तरीके अपनाकर डायवर्ट किया गया है। यह सारे आरोप लगातार फ्लैट खरीदार लगा रहे थे। अब इन पर प्रवर्तन निदेशालय ने गहराई से पड़ताल की और आरोप सही पाए गए हैं। जिसके बाद ईडी ने अरोड़ा की गिरफ्तारी की है।
सुपरटेक के खिलाफ ईडी का बड़ा एक्शन
इसी साल 25 अप्रैल 2023 को प्रवर्तन निदेशालय ने सुपरटेक समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। कंपनी की मेरठ और उत्तराखंड के रुद्रपुर शहर में 40 करोड़ रुपए की संपत्तियों को कुर्क कर लिया था। इस कुर्की में रूद्रपुर की 25 संपत्तियां शामिल थी और मेरठ शहर का एक मॉल था। सुपरटेक समूह की कंपनियों पर नोएडा में तमाम तरह के गैर कानूनी काम करने के आरोप हैं। इन्ही में सुपरटेक समूह का ट्विन टावर प्रोजेक्ट भी शामिल था। जिसे इसी साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ध्वस्त किया गया है। इतना ही नहीं ग्रेटर नोएडा शहर में भी सुपरटेक समूह की कंपनी ने एक अवैध हाउसिंग सोसाइटी बनाकर खड़ी कर रखी है। जिसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है।
फ्लैट खरीदारों का पैसा दूसरे कारोबार में डाइवर्ट किया
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के सैकड़ों फ्लैट खरीदारों ने सुपरटेक समूह की कंपनियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए हैं। फ्लैट खरीदारों का आरोप है कि उनके पैसे को इस समूह की कंपनियों ने अवैध रूप से दूसरे कारोबार में डायवर्ट किया है। इन शिकायतों को संयुक्त रूप से प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की। जिसमें यह तथ्य सामने आए हैं कि सुपरटेक समूह की कंपनियों ने फ्लैट खरीदारों का पैसा गैरकानूनी ढंग से डायवर्ट किया है। इसी सिलसिले में पिछले 3 दिनों से आरके अरोड़ा ईडी के सवालों का जवाब दे रहे थे। अब उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।