भू-माफिया पति-पत्नी की ग्रेटर नोएडा में दहशत : प्राधिकरण की जमीन पर बनाकर खड़े किए सैकड़ों अवैध फ्लैट, पतवाड़ी को बना दिया शाहबेरी

Tricity Today | भू-माफिया



Greater Noida News : पतवाड़ी गांव के भू-माफियाओं गीता यादव, वेदपाल यादव और अजय यादव का खौफ है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनके खिलाफ शिकायत करने वालों की पुलिस के सामने जाकर बयान देने की हिम्मत नहीं होती है। पहली बार जिला प्रशासन और गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इन पति-पत्नी और उनके पार्टनर पर कड़ी कार्रवाई की है। इन्हें भूमाफिया घोषित किया गया है।

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की जमीन पर बना डाले अवैध फ्लैट
राजस्व ग्राम पतवाड़ी के खसरा संख्या 1162 की जमीन ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने अर्जित की और कब्जा प्राप्त कर लिया था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने साल 2018 में इस मामले पर संज्ञान लिया था। अवैध निर्मण को तोड़ने के लिए फोर्स मांग ली थी। इस जमीन पर लगभग 200 फ्लैट बनाकर भूमाफिया ने बेच डाले। तीनों भू-माफिया ने मिलकर लगभग 60 करोड़ रुपये के फ्लैट बेच डाले। बड़ी बात यह है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफियाओं का गैंग फलफूल रहा है।

भूमि हड़पने और जालसाजी एसीपी ने रिपोर्ट दी
वेदपाल यादव और उनकी पत्नी गीता यादव पर भूमि हड़पने, फर्जी दस्तावेज तैयार करके सरकारी व गैर-सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के गंभीर आरोप लगे हैं। जांच में सामने आया है कि लगभग 1,000 करोड़ रुपये की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है, जिसके लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया गया है। यह रिपोर्ट बिसरख क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त राजीव कुमार गुप्ता ने पुलिस आयुक्त को भेजी। एसीपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, "जांच के दौरान शिकायतकर्ता द्वारा सही नाम, पता या संपर्क जानकारी नहीं दी गई, जिससे उनके संपर्क में आना मुश्किल हो गया। इसके बावजूद पुलिस ने शिकायत की गहराई से जांच की और संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए। दरअसल, शिकायत करने वाला माफिया से भयग्रस्त रहा होगा।"

एसीपी ने की भू-माफिया घोषित करने की सिफारिश
जांच में पाया गया कि आरोपियों ने गौतमबुद्ध नगर के बिसरख इलाके में टीकम सिंह की जमीन का गलत दस्तावेज बनाकर कब्जा करने की कोशिश की थी। गीता यादव और वेदपाल यादव ने जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करके उसे बेचने का भी प्रयास किया। इस मामले में अदालत के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई और गहन जांच की गई। वहीं, जांच में यह भी खुलासा हुआ कि 27 जून 2019 को दोनों पर अन्य आरोप भी साबित हुए थे, जिसमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला शामिल था। जांच के बाद वेदपाल यादव और गीता यादव को भू-माफिया करार देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज हुए तीनों के नाम
बिसरख क्षेत्र में कुल 41 भू-माफिया हैं। वेदपाल यादव का नाम 30वें नंबर पर है। गीता यादव का नाम 31वें और अजय यादव का नाम 32वें नंबर पर है। इस प्रकरण में आयकर विभाग और अन्य जांच एजेंसियां भी जल्दी शामिल होंगी। जिला प्रशासन और पुलिस ने रिपोर्ट भेजी हैं, जिन्होंने अवैध संपत्तियों और दस्तावेजों की गहन जांच की है। प्रशासन ने भू-माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।

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