गौतमबुद्ध नगर वालों के लिए खुशखबरी : 90 दिनों में बनेंगे तीन नए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, लाइसेंस बनना होगा बेहद आसान

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Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिले में ड्राइविंग शिक्षा और प्रशिक्षण की सुविधाओं में बड़ा सुधार होने जा रहा है। अगले साल जनवरी 2025 में तीन नए ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों की शुरुआत की जाएगी। उम्मीद है कि आगामी 90 दिनों के भीतर जिले में तीनों नए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खुल जाएंगे। इसके साथ ही जिले में कुल ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या चार हो जाएगी। परिवहन विभाग के अनुसार यह कदम लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुगम और सरल बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

बिसाहड़ा में पहले से संचालित है एक केंद्र
ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में पहले से एक ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र काम कर रहा है। इस केंद्र पर ड्राइविंग प्रशिक्षण और परीक्षण की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, जिससे आसपास के क्षेत्रों के आवेदकों को लाइसेंस प्राप्त करने में सहूलियत मिली है। अब तीन नए केंद्रों के जुड़ने से यह सुविधा और भी व्यापक हो जाएगी, जिससे जिले के अन्य हिस्सों के आवेदकों को भी राहत मिलेगी।

जेवर में केंद्र बनने की संभावना खत्म
परिवहन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जेवर में प्रस्तावित ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र अब नहीं बनेगा। इसके स्थान पर जिले के अन्य क्षेत्रों में तीन नए केंद्र स्थापित किए जाएंगे। हालांकि, पांचवे केंद्र के लिए अभी तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है और इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि इसे कब और कहां बनाया जाएगा।

लोगों को मिलेगा फायदा
परिवहन विभाग का कहना है कि आवेदक अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी प्रशिक्षण केंद्र का चयन कर सकते हैं। ड्राइविंग परीक्षा की प्रक्रिया सभी केंद्रों पर समान होगी। जिससे लोगों को बेहतर विकल्प मिल सकेंगे। यह नए केंद्र बिसाहड़ा केंद्र के करीब होंगे। जिससे लोगों को पहले से कम दूरी तय करनी पड़ेगी। 

परिवहन अफसर का बयान
एआरटीओ (प्रशासन) डॉ.सियाराम वर्मा ने कहा, "जिले में ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या बढ़ने से लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। इससे एक ही केंद्र पर भीड़ भी कम होगी और लोगों को लाइसेंस प्राप्त करने में अधिक आसानी होगी। जिले के नागरिक इस घोषणा से काफी उत्साहित हैं। इससे लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया और सरल हो जाएगी। ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या में वृद्धि से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी और उन्हें लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं होगी।"

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