यमुना प्राधिकरण को मिला बड़ा निवेश : मेडिकल डिवाइस पार्क में मुरुगप्पा ग्रुप लगाएगा फैक्ट्री

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Greater Noida News : दक्षिण भारत की प्रमुख कंपनी मुरुगप्पा ग्रुप (Murugappa Group) ने यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) क्षेत्र में विकसित हो रहे मेडिकल डिवाइस पार्क (Medical Device Park) में औद्योगिक इकाई स्थापित करने की घोषणा की है। यह परियोजना क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद है। सोमवार को यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने दी।

सीईओ ने दी जानकारी 
डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि मुरुगप्पा ग्रुप का वार्षिक टर्नओवर 6,000 करोड़ रुपये है। इस समूह ने अपनी सहायक कंपनियों चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, शांति गियर्स और ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स के साथ मिलकर एक नई कंपनी का गठन किया है। इस नई कंपनी ने यमुना प्राधिकरण को मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे प्राधिकरण ने स्वीकार कर लिया है।

परियोजना से जुड़ी खास जानकारियां
1. परियोजना का आवंटन: प्राधिकरण ने परियोजना के लिए 130 एकड़ भूमि आवंटित की है। आवंटन की प्रक्रिया शुक्रवार को हुई आवंटन कमेटी की बैठक में पूरी हुई।
2. निवेश और रोजगार: प्रारंभिक चरण में कंपनी 200 से 215 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे लगभग 750 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
3. परियोजना का फोकस: यह पार्क मुख्य रूप से एनेस्थीसिया से संबंधित मेडिकल उपकरणों और प्लेटफॉर्म्स पर केंद्रित होगा।
4. अतिरिक्त निवेश: एक विदेशी कंपनी ने भी इसी क्षेत्र में 100 एकड़ भूमि पर निवेश की घोषणा की है। यह कंपनी 12 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और लगभग 12 लोगों को रोजगार प्रदान करेगी।
5. कंपनी का प्रोफाइल: मुर्गप्पा ग्रुप फॉर्च्यून-500 की सूची में शामिल एक प्रमुख भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है।

2025 के आखिर तक उत्पादन शुरू होगा
यह परियोजना यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के लिए एक बड़ा आर्थिक अवसर है। इससे न केवल प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा, बल्कि क्षेत्र में मेडिकल टेक्नोलॉजी के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह निवेश भारत के मेडिकल डिवाइस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यमुना प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह निवेश हमारे क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। हम आशा करते हैं कि यह अन्य बड़ी कंपनियों को भी यहाँ निवेश करने के लिए आकर्षित करेगा।" इस परियोजना के 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद यह भारत के सबसे बड़े मेडिकल डिवाइस निर्माण केंद्रों में से एक बन जाएगा।

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