हरियाणा विधानसभा चुनाव : कुमारी सैलजा के गांव ने भी नहीं दिया कांग्रेस का साथ, BJP को मिली दोगुना बढ़त

Google Images | कुमारी सैलजा



Gurugram News : हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कुमारी सैलजा को लेकर कांग्रेस पार्टी के बीच काफी घमासान मचा रहा। इनमें सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और एआईसीसी की जनरल सेक्रेटरी कुमारी सैलजा के अपने गांव में ही पार्टी का खराब प्रदर्शन।

सैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच था तनाव
सैलजा, जो मूल रूप से हिसार जिले के उकलाना विधानसभा क्षेत्र के प्रभुवाला गांव की रहने वाली हैं, उनके गांव में कांग्रेस को महज 906 वोट मिले। इसके विपरीत, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां से दोगुने से अधिक 1,889 वोट हासिल किए। यह आंकड़े चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए हैं। इस चुनाव में सैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच तनाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। उकलाना सीट से कांग्रेस ने हुड्डा समर्थक नरेश सलवान को टिकट दिया, जबकि सैलजा यहां से अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए टिकट चाहती थीं। हालांकि, सलवान ने भाजपा के अनूप धानक को हराकर जीत दर्ज की।

चुनाव प्रचार के दौरान 14 दिनों तक अभियान से दूर रहीं सैलजा
चुनाव प्रचार के दौरान सैलजा 14 दिनों तक अभियान से दूर रहीं। वे 12 सितंबर के बाद से गायब थीं और फिर 26 सितंबर को करनाल के असंध में राहुल गांधी की रैली में दिखाई दीं। इस दौरान पार्टी में आंतरिक कलह के संकेत स्पष्ट थे। कुल मिलाकर हरियाणा में भाजपा ने 48 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जबकि कांग्रेस 37 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। दोनों दलों ने पिछले चुनाव की तुलना में अपना प्रदर्शन सुधारा, लेकिन कांग्रेस सरकार बनाने में विफल रही।

गुटबाजी ने किया कांग्रेस के प्रदर्शन को प्रभावित
विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी के भीतर गुटबाजी और नेतृत्व के मुद्दे पर असहमति ने कांग्रेस के प्रदर्शन को प्रभावित किया। सैलजा के समर्थक उम्मीदवारों की हार और उनके गृह गांव में पार्टी का कमजोर प्रदर्शन इस आंतरिक संघर्ष को रेखांकित करता है।

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