स्टार्टअप : घर में बालकनी या लॉन की सुविधा है तो घर बैठे आप सुगंध व्यवसाय से इस तरह से जुड़ सकते हैं

कानपुर | 3 साल पहले | Testing

Tricity Today | कानपुर में उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल



यदि आपके घर में बालकनी या लॉन की सुविधा है तो आप घर बैठे सुगंध व्यवसाय से जुड़ सकते हैं। बगैर किसी झंझट और फूलों पत्तियों या फिर जड़ों के उपयोग से सुगंध व्यवसाय में अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। इस व्यवसाय को समझने और शुरुआत करने के लिए कानपुर के उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कन्नौज के सुगंध एवं इत्र व्यवसाय से जुड़ी जानकारियां इकट्ठी की है।


PHOTO CREDIT - MOHIT VAISH

कानपुर शहर के 12 उद्योगपतियों के साथ 56 लोगों के प्रतिनिधिमंडल में ऐसे लोग शामिल हुए, जो इस नए व्यापार को करने के लिए रुचि रखते हैं। इस अरोमा टूर के दौरान कानपुर शहर से गए प्रतिनिधिमंडल ने आधुनिक और पुरातनकाल दोनों ही तरह की इकाइयों पर लगी हुई मशीनों का जायजा भी लिया। इस दौरान उन्होंने घर या लॉन में उगाए जाने वाले फूल पत्ती या फिर उनकी जड़ों से निकलने वाले औरोमा की भी जानकारी ली। प्रतिनिधि मंडल के भ्रमण पर सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र के प्रसार इकाई के सहायक निदेशक एवं प्रभारी डॉ भक्ति विजय शुक्ला ने जानकारी दी कि विशेषज्ञों की ओर से इस प्रतिनिधिमंडल को यह बताया गया कि वह अपने फूलों और पौधों के शौक को किस तरह से अपने व्यापार में परिवर्तित कर सकते हैं। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल को यह भी बताया गया कि विभिन्न फूलों और पत्तियों से निकली हुई सुगंध का वह किस तरह से व्यापारिक इस्तेमाल कर लाभ कमा सकते हैं।

इस तरह शुरू कर सकते हैं व्यापार : प्रतिनिधिमंडल को यह बताया गया कि यदि उनके पास रिसोर्ट लॉन या बालकनी की सुविधा मौजूद है तो उसमें वह ऐसे पौधों को लगा सकते हैं जिनका इस्तेमाल एसेंस या इत्र बनाने में इस्तेमाल होने वाले तेल में होता है। इन स्थानों पौधों के नष्ट होने की संभावना भी बेहद कम होती है। इसके अलावा ऐसे स्थानों पर पौधे लगाए जाने से खाली पड़ी हुई जमीन का भी इस्तेमाल व्यापार करने में हो सकता है।

यह पौधे है महत्वपूर्ण : घर बालकनी या ऐसे स्थान जहां पर खूबसूरती बनाए जाने के लिए पौधे लगाए जाते हैं वहां पर यदि तुलसी, एलोवेरा, विभिन्न प्रकार के फूल, लेमन ग्रास सहित अन्य पौधे व्यापार के लिए अति महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन पौधों का विभिन्न एसेंस बनाने के साथ ही इत्र और आयुर्वेद संबंधित दवाइयों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

ऐसे शुरू होता है व्यापार : शुरुआती दौर पर जब व्यापार के लिए पूंजी उपलब्ध ना हो तो अपने स्थानों पर विभिन्न पौधों को उगाकर उन्हें कन्नौज स्थित संस्थान में भेजा जा सकता है। संस्थान में लगे विभिन्न उपकरणों से पौधों से सुगंध निकाल कर उसके तेल का इस्तेमाल विभिन्न उत्पादों में किया जा सकता है। इसके बाद छोटे स्तर पर किए गए व्यापार से होने वाले मुनाफे से कम दामों में उपलब्ध उपकरणों को लगाकर खुद पौधों में से सुगंध तेल या अरोमा निकाल कर उसे बाजार में बेचने के लिए भेजा जा सकता है। पूरी प्रक्रिया का प्रशिक्षण भी संस्थान की ओर से दिया जाता है।

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