बहराइच की लेडी सिंघम वृंदा शुक्ला : दंगाइयों पर काबू पाने के लिए सड़क पर डटीं, पहले भी संभाल चुकी बड़ी जिम्मेदारियां 

लखनऊ | 2 महीना पहले | Jyoti Karki

Tricity Today | वृंदा शुक्ला



Lucknow News : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बीच एक महिला पुलिस अधिकारी की बहादुरी की चर्चा हो रही है। बहराइच की पुलिस अधीक्षक एसपी वृंदा शुक्ला (SP Vrinda Shukla) ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए खुद मोर्चा संभाला है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच हुए झगड़े में एक युवक की मृत्यु के बाद तनाव बढ़ गया था। इस नाजुक परिस्थिति में वृंदा शुक्ला ने अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है।

कौन हैं वृंदा शुक्ला
वृंदा शुक्ला 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं, जो उत्तर प्रदेश कैडर से जुड़ी हैं। मूल रूप से हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली वृंदा ने अपनी शुरुआती शिक्षा वहीं से प्राप्त की। उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित महिंद्रा यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज ऑफ इंडिया से स्नातक की उपाधि हासिल की। इसके बाद उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड सोशल साइंस से उच्च शिक्षा प्राप्त की।

अमेरिका की कंपनी में काम किया फिर आईपीएस 
अपनी शैक्षणिक यात्रा के बाद, वृंदा ने अमेरिका की एक निजी कंपनी में काम किया। इसी दौरान उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और अपने दूसरे प्रयास में ही 2014 में आईपीएस बनने में सफलता हासिल की। प्रारंभ में उन्हें नागालैंड कैडर मिला, लेकिन बाद में वह उत्तर प्रदेश कैडर में आ गईं। वृंदा शुक्ला अपने कार्यकाल के दौरान कई बार सुर्खियों में रही हैं। चित्रकूट की जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे की पत्नी निकहत को गिरफ्तार करने के मामले में उनकी कार्रवाई काफी चर्चित रही। इसके अलावा, उनकी धाराप्रवाह हिंदी भाषण शैली की भी खूब तारीफ हुई थी।

नोएडा में संभाली बड़ी जिम्मेदारी 
एक रोचक तथ्य यह है कि वृंदा के पति अंकुर अग्रवाल भी उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। दोनों ने एक साथ स्कूली शिक्षा प्राप्त की और सिविल सेवा की तैयारी भी साथ में की। नोएडा में अपनी पोस्टिंग के दौरान वृंदा अपने पति की बॉस अधिकारी भी रह चुकी हैं।

कई युवा अधिकारियों के लिए इंस्पिरेशन
वर्तमान में बहराइच में एसपी के रूप में कार्यरत वृंदा शुक्ला ने सांप्रदायिक तनाव को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी दृढ़ता और साहस ने स्थानीय प्रशासन और नागरिकों में विश्वास जगाया है। उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में बहराइच जल्द ही सामान्य स्थिति में लौट आएगा। वृंदा शुक्ला जैसे कर्मठ और साहसी अधिकारियों की उपस्थिति न केवल नोएडा बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उनका उदाहरण अन्य युवा अधिकारियों के लिए इंस्पिरेशन बन सकता है, जो कानून व्यवस्था को बनाए रखने और समाज में शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं।

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