मंगलवार को पूरी हुई मंगलकामना : Uttarkashi Tunnel से बाहर आए मजदूर, 17वें दिन ऑपरेशन सफल!

देश | 12 महीना पहले | Deepak Sharma

Tricity Today | Uttarkashi Tunnel



Uttarakhand News : उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल (Silkyara Dandalgaon Tunnel) में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। खबर है कि NDRF की टीम टनल में फंसे मजदूरों में से 15 को बाहर लेकर आ गई है। बताया जा रहा है कि मजूदरों को बाहर निकालने का काम शुरू हो चुका है। टनल के अंदर एम्बुलेंस के अलावा स्ट्रेचर और गद्दे पहुंचाए गए हैं। यहां अस्पताल बना दिया गया है। रेस्क्यू के बाद मजदूरों को यहीं रखा जाएगा। इसके बाद इन्हें 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा।

मंगलवार को पूरी हुई मंगलकामना
मुख्य सुरंग के भीतर चिकित्सकों की टीम श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे। केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह और मुख्यमंत्री धामी बाहर निकाले गए श्रमिकों से बातचीत कर रहे हैं। श्रमिकों को लेकर सुरंग से एक-एक कर एंबुलेंस रवाना हो रही है। ग्रीन कॉरिडोर तैयार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सुरंग का काम पूरा हो गया है और पाइप डाल दिया गया है। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि पाइप से एक-एक कर श्रमिकों को बाहर निकाला जा रहा है।

टनल के अंदर अस्थायी मेडिकल सुविधा
रेस्क्यू ऑपरेशन के चलते टनल के अंदर ही अस्थायी मेडिकल सुविधा का विस्तार किया गया है। फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इस स्थान पर स्वास्थ्य प्ररीक्षण किया जाएगा। कोई भी दिक्कत होने पर स्वास्थ विभाग द्वारा लगाए गए 8 बेड एवं डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम तैनात हैं। इसके बाद इन्हें 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है। यदि किसी मजदूर की तबीयत बिगड़ी, तो उसको हेलिकॉप्टर से तुरंत ऋषिकेश AIIMS भेज दिया जाएगा।

आर्मी और रैट माइनर्स ने पाई सफलता
इससे पहले, सिल्क्यारा साइड से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग में लगे रैट माइनर्स, हादसे के 17वें दिन दोपहर 1.20 बजे खुदाई पूरी कर पाइप से बाहर आ गए। उन्होंने करीब 21 घंटे में 12 मीटर की मैन्युअल ड्रिलिंग की। 24 नवंबर को मजदूरों की लोकेशन से महज 12 मीटर पहले ऑगर मशीन टूट गई थी। जिससे रेस्क्यू रोकना पड़ा था। इसके बाद सेना और रैट माइनर्स को बाकी के ड्रिलिंग के लिए बुलाया गया था। मंगलवार सुबह 11 बजे मजदूरों के परिजन के चेहरों पर तब खुशी दिखी, जब अफसरों ने उनसे कहा कि उनके कपड़े और बैग तैयार रखिए।

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