BIG NEWS: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, कहा- ‘दिल्ली में बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध कराएं’

देश | 3 साल पहले | Testing

Google Photo | मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी



दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी की वजह से राजधानी के अस्पतालों में बेड की भारी कमी हो गई है। हालात इतने बदतर है कि हॉस्पिटल के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी है। उन्हें न बेड मिल रहा है, न इलाज। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के अस्पतालों में 7000 बेड कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए रिजर्व कराने और तुरंत ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की अपील की है।



केंद्र सरकार के अस्पतालों में बेड बढ़ाए जाएं
पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल ने लिखा है कि, “आदरणीय प्रधानमंत्री जी। दिल्ली में कोरोना की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। कोरोना बेड्स और ऑक्सीजन की भारी कमी है। लगभग सभी आईसीयू बेड्स भर गए हैं। अपने स्तर पर हम सभी प्रयास कर रहे हैं। आपकी मदद की जरूरत है। दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों में लगभग 10,000 बेड हैं। इनमें से केवल 1800 बेड कोरोना के लिए रिजर्व किए गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आप से विनती है कि कम से कम 7000 बेड कोरोना के लिए रिजर्व किए जाएं।” 

मदद की उम्मीद
उन्होंने आगे लिखा है, “दिल्ली में ऑक्सीजन की भी भारी कमी हो रही है। हमें ऑक्सीजन भी तुरंत मुहैया करवाई जाए। इसकी जानकारी मैंने कल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और आज सुबह अमित शाह को भी दे दी है। डीआरडीओ (DRDO) दिल्ली में आईसीयू के 500 बेड बना रहा है। इसके लिए आपका बेहद शुक्रिया। ये बढ़ाकर 1000 कर दिए जाएंगे, तो बड़ी मेहरबानी होगी। इस महामारी में अभी तक हमें केंद्र सरकार से काफी सहयोग मिला है। मैं उम्मीद करता हूं कि उपर्युक्त विषयों पर भी आप हमारी मदद जरूर करेंगे।”

24 हजार से ज्यादा मामले मिले
आपको बता दें कि दिल्ली में शनिवार को 24375 संक्रमण के नए मामले सामने आए। राजधानी में संक्रमण से अब तक 11793 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल 804000 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इस महीने दिल्ली में मरीजों की संख्या में खतरनाक ढंग से बढ़ोत्तरी हुई है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में हॉस्पिटल और बेड की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन बिगड़े हालात अचानक सुधारे नहीं जा सकते। हालात इतने बदतर हैं कि 5 ट्रिलियन इकॉनामी के सपने देखने वाले देश की राजधानी में आईसीयू के 100 से भी कम बेड बचे हैं।

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