Lok Sabha 2024 : क्या मोदी समझ गए, बज गई 2024 की घंटी

देश | 1 साल पहले | Deepak Sharma

Google Image | Narendra Modi



New Delhi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा प्रभावित मणिपुर को 'दिल का टुकड़ा' कहकर जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की है। उन्होंने हिंसाग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य के लोगों को भरोसा दिया कि जल्द ही शांति लौटेगी। पीएम मोदी ने कहा, 'मैं मणिपुर के लोगों, माताओं और बेटियों को आश्वस्त करता हूं कि देश उनके साथ खड़ा है। मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि वहां शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मिलकर काम करें। अविश्वास प्रस्ताव पर बेशक विपक्ष हार गया, लेकिन वह अपने मकसद में पूरी तरह से कामयाब रहा। अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में विपक्ष की जीत के साथ ही उसकी जिद भी पूरी हुई है।

इतना डर, इतनी बौखलाहट क्यों
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी कहीं से भी 2018 वाले पीएम मोदी नजर नहीं आए। न ही वो आत्मविश्वास और न ही वो तेज उनके चहरे पर झलक रहा था। सदन में अपने भाषण के दौरान मोदी ने जो कुछ बोला वही सही था या नहीं, किन्तु उनका चेहरा, उनकी भावभंगिमा कहीं से भी उनका साथ देते नहीं दिख रही थी। अपने पूरे भाषण के दौरान उनका केंद्र सिर्फ कांग्रेस, राहुल, सोनिया, इंदिरा, नेहरू और INDIA रहा है। उनके निशान पर INDIA के घटक दल रहे। लेकिन, उनके भाषण में कहीं भी मणिपुर हिंसा का जिक्र तक नहीं आया। और, जब आया तो पूरा विपक्ष वॉकआउट कर चुका था। किन्तु, जब तक विपक्ष और राहुल गांधी सदन में बैठे रहे, उस पर एक शब्द नहीं बोले। सबको पता था कि अविश्वास प्रस्ताव मोदी के संख्या बल के सामने कहीं नहीं टिकेगा। लेकिन, फिर भी विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया। इसका साफ मतलब था कि पीएम मोदी से मणिपुर पर पीएम मोदी को संसद में बुलाने और मणिपुर पर उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।

कांग्रेस को जमकर कोसा
विपक्ष द्वारा मणिपुर हिंसा को लेकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिए अपने भाषण में INDIA के हर दल को लेपेटा। इंदिरा से राहुल तक और कांग्रेस को कोसते नजर आए। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके पास अपना कुछ भी नहीं है, पार्टी विदेशी एओ ह्यूम ने स्थापित की और वोटरों को लुभाने के लिए गांधी नाम चुराया। संसद में पीएम ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस आज अपने घमंड में चूर हो चुकी है। घमंड के आगे कांग्रेस को जमीन दिखाई ही नहीं देती है। पीएम ने कहा कि कांग्रेस को अपने ही देश की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। अपने भाषण में वह इतिहास के उन पन्नों को भी पलटते नजर आए, जिनका इस अविश्वास प्रस्ताव से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था। उन्होंने 133 मिनट के भाषण में उन्होंने सिर्फ 'मन की बात' की, काम की एक भी नहीं। उन्होंने विपक्ष के इंडिया गठबंधन को घमड़िया करार दिया।

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