Tricity Today | GIMS Greater Noida
कोरोना मरीजों के इलाज में कोरोना थेरेपी के इलाज को लेकर भले ही अलग-अलग मत हों, लेकिन राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (GIMS Greater Noida) ने इस थेरेपी का सफलतापूर्वक प्रयोग किया है। जिम्स में जितने मरीजों को प्लाज्मा दिया गया, उसमें से 89 फीसदी मरीजों को बचा लिया गया है। जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि कोविड (COVID-19 Cases) मरीजों को प्लाज्मा देकर स्वस्थ करने में जिम्स प्रदेश में अव्वल है।
ग्रेटर नोएडा के जिम्स में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देश में 9 मई से प्लाज्मा थेरेपी दी जा रही है। संस्थान के निदेशक डॉ.राकेश गुप्ता ने बताया कि जिम्स अस्पताल की ओर से कोरोना के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी से उपचार किया गया। अब तक 335 कोरोना के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया गया। इसमें 277 पुरुष और 58 महिलाएं शामिल हैं। इसमें इनमें 247 पुरुष और 51 महिलाएं ठीक हो गईं। यह आंकड़ा करीब 89 प्रतिशत है। हालांकि प्लाज्मा देने के बाद भी करीब 37 मरीज नहीं बचाए जा सके। इनमें से 30 पुरुष और सात महिलाएं शामिल हैं। संस्थान का दावा है कि प्रदेश में प्लाज्मा से ठीक होने वाले कोरोना के सबसे अधिक गंभीर मरीज जिम्स के हैं।
ठीक हो चुके 264 मरीजों ने किया प्लाज्मा दान
जिम्स अस्पताल ने ठीक होने वाले कोविड मरीजों को प्लाज्मा दान करने के लिए भी प्रेरित किया। डॉ.गुप्ता ने बताया कि अब तक जिम्स में कोरोना से ठीक हुए 264 लोगों ने प्लाज्मा दान किया है। सबसे अधिक बी ब्लड ग्रुप वाले 98 लोगों ने प्लाज्मा दिया है। इसके अलावा ए ब्लड ग्रुप के 71, एबी ब्लड ग्रुप के 29 और ओ ब्लड ग्रुप के 66 लोगों ने प्लाज्मा दान किया। संस्थान ने दान किए गए इस प्लाज्मा की डोज तैयार की और गंभीर मरीजों के उपचार में इस्तेमाल किया।