Tricity Today | जोन-4 में अवैध खनन
बिल्डरों की इमेज यूं ही खराब नहीं हुई है। आज जब पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन का हर कर्मचारी और अधिकारी केवल इस महामारी से निपटने में लगा है तो बिल्डर इसका फायदा उठाने से भी नहीं चूका। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेक जोन-4 में अवैध खनन करवाते हुए पकड़ा गया है। मौके पर पहुंचे खनन अधिकारी ने हालात देखे तो दंग रह गए। हालांकि, अभी इस मामले में कोई कार्रवाई खनन अधिकारी की ओर से नहीं की गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर टेक जोन-4 ने बिल्डर के पास भूखण्ड है। इस भूखण्ड में बेसमेंट खोदने के नाम पर मिट्टी खनन की अनुमति ली गई है। लेकिन वहां से बालू रेत का खनन किया जा रहा है। बताया गया है कि वहां से हजारों ट्रक बालू रेत का खनन करके बाजार बेचा गया है। यह काम पिछले एक सप्ताह से पूरी रात किया जा रहा था।
बुधवार को लोगों ने खनन विभाग को फोन करके बताय कि अवैध रूप से शहर के बीचोंबीच बालू का खनन किया जा रहा है। यह सब मिट्टी खोदकर बेसमेंट बनाने की आड़ में किया जा रहा है। इसके बाद खनन अधिकारी मौके पर पहुंचे। अब खनन बन्द कर दिया गया है। लेकिन, लोगों ने दावा किया है कि करीब 5 लाख घन फुट बालू रेत का अवैध खनन किया गया है। जो मौके पर जाकर देखा जा सकता है। शिकायत करने वालों ने ट्राई सिटी टुडे को मौके के फोटो और वीडियो भेजे हैं। जिन्हें देखने से हालात साफ नजर आ रहे हैं।
बुधवार को खनन अधिकारी ने छापा तो मारा लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। खनन करने के लिए बिल्डर ने पोकलैंड और जेसीबी मशीनों का उपयोग किया है। बुधवार को देर रात तक भी मौके पर एक पोकलैंड मशीन खड़ी थी। शिकायत करने वाले का कहना है कि इस वक्त पूरा प्रशासन कोरोनो वायरस से जूझ रहा है। इस वक्त किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया। इसी कारण बिल्डर ने अवैध खनन को अंजाम दिया है।
गौरतलब है कि मौजूदा डीएम बीएन सिंह ने माइनिंग माफिया पर कड़ी कार्रवाई की। जिले खनन माफिया जेल गए। गैंगस्टर और एनएसए के तहत कार्रवाई की गई। माफिया पर करोड़ो रुपये के जुर्माने लगाए गए। जिसके चलते गौतमबुद्ध नगर में खुलेआम चलने वाला अवैध खनन का गोरखधंधा ठप पड़ा है। यही वजह रही कि बिल्डर ने कोरोना वायरस का लाभ उठाते हुए अवैध खनन को अंजाम दिया है। मिट्टी खनन की अनुमति की आड़ में बालू का खनन किया गया। जिससे सरकार को बड़े राजस्व का नुकसान हुआ है।