अमेरिका ने आज ही झेला था दुनिया का सबसे खौफनाक आंतकी हमला, मास्टरमाइंड लादेन को मारने में लगे दस वर्ष

विदेश | 4 साल पहले | Harish Rai

Google Image | Terrorist attack on USA



दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के लिए 11 सितंबर 2001 की सुबह पिछले दो दशकों की सबसे मनहूस सुबह रही। 11 सितंबर 2001 को एक के बाद एक लगातार हुए आतंकी हमलों ने संयुक्त राज्य अमेरिका को ऐसा घाव दिया, जिसकी टीस से ये देश शायद ही कभी उबर पाए। आतंकवादी संगठन अलकायदा के 19 आतंकवादियों ने 11 सितंबर को तीन विमानों का अपहरण कर लिया था। इन अपह्रत विमानों को मिसाइल की तरह इस्तेमाल कर अमेरिका के सीने को छलनी कर दिया गया।


11 सितंबर की सुबह 8:46 बजे अमेरिकी एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टावर और दूसरी फ्लाइट साउथ टावर में सुबह के ही 9:03 बजे टकरा दी गई। इस खौफनाक आतंकी हमले में विमान में सवार यात्रियों समेत लगभग 3000 लोग मारे। आंतकियों के सालों के पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत एक विमान को पेंटागन की इमारत में घुसा दिया था। दूसरे विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारत से टकरा दिया था। तीसरा विमान खाली जगह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 

दुनिया का सबसे खौफ़नाक आतंकवादी हमला

इस आतंकवादी हमले की भयावहता इसी से समझी जा सकती है कि इन हमलों में लगी आग को बुझाने में तकरीबन 100 दिन का समय लगा था। ट्विन टावर में हुए हमले में 90 से अधिक देशों के नागरिकों को जान से हाथ धोना पड़ा। आतंकवादियों ने ट्विन टॉवर की दो इमारतों और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को मुख्य निशाना बनाया था ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को हताहत किया जा सके तथा भारी तबाही फैलाई जा सके।


न्यूयॉर्क स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जून 2009 तक फायरफाइटर्स और पुलिसकर्मियों सहित 836 वॉरियर्स को जान गंवानी पड़ी। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर पर हुए हमले में 2752 लोग जिंदगी से हाथ धो बैठे। इसमें पोर्ट अथॉरिटी के 343 अग्निशामक और 60 पुलिस अधिकारी शामिल थे। पेंटॉगन पर हुए हमले में 44 लोगों को जान गंवानी पड़ी। इस हमले में 70 देशों के नागरिक हताहत हुए थे। 

जिन ट्वीन टॉवर को आतंकवादियों ने निशाना बनाया था वो दुनिया की सबसे आलीशान इमारतों में थे। ये 4 अप्रैल 1973 को बनकर तैयार हुए थे। ऐसा कहा जाता है कि इनको बनाने में 400 मिलियन डॉलर का खर्च आया था। ट्विन टॉवर्स में तकरीबन पचास हजार लोग काम करते थे। यहां नियमित उपयोग के लिए 239 लिफ्ट लगाई गई थी। इमारतों की विशालता का अंजादा इसी से लगाया जा सकता है। 

अलकायदा ने हमलों को अंजाम दिया था

वैसे तो आतंकवाद से पूरी दुनिया पीड़ित है पर 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले विरले ही देखने को मिलते हैं। इस खौफनाक दहशतगर्दी ने पूरी दुनिया को एक गहरा सदमा दिया। जांच में सामने आया कि इन आतंकवादी हमलों को आतंकी संगठन अलकायदा के आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। इस संगठन का सरगना ओसामा बिन लादेन थ। 


इसके बाद से ही अमेरिका ने आतंकवाद को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव किए और कट्टरवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई शुरू कर दी। तमाम कोशिशों के बावजूद भी अमेरिका अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को 10 सालों तक नहीं ढूंढ पाया। लेकिन 2 मई 2011 की रात अमेरिकी दस्ते ने आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ढेर कर दिया। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपा हुआ था जिसकी भनक अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को लग गई थी।

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