Tricity Today | Worsen Situation of pollution in Noida.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) में रह रहे करीब 6 करोड़ लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है। जहां सोमवार को लगातार पांचवें दिन भी वायु गुणवत्ता ''गंभीर की श्रेणी में बनी हुई है, वहीं आने वाले दिनों में हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ने की संभावना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) के समीर ऐप के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रमुख शहरों में बुलंदशहर (Bulandshahr) सबसे ज्यादा प्रदूषित है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 497 दर्ज किया गया। दूसरे नंबर पर गाजियाबाद रहा, जहां एक्यूआई 483 रहा है।
एनसीआर के शहरों में हवा दम घोंटू हुई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में एक्यूआई 482, इंदिरापुरम में एक्यूआई 476, आगरा में एक्यूआई 451, हापुड़ में एक्यूआई 427, दिल्ली में एक्यूआई 464, फरीदाबाद में एक्यूआई 462, गुरुग्राम में एक्यूआई 475, बहादुरगढ़ में एक्यूआई 443, भिवानी में एक्यूआई 479, मुरथल में एक्यूआई 414, और रोहतक में एक्यूआई 449 रहा। कुल मिलाकर पूरे एनसीआर के शहरों में हवा दम घोंटू हो गई है। चिकित्सकों और विशेषज्ञों के मुताबिक इस हवा में लगरत साँस लेने से गंभीर साँस की बीमारियां पनप सकती हैं। पुराने बीमार लोगों के लिए यह जानलेवा है।
इन वजहों से फ़ैल रहा है वायु प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार गाड़ियों से निकलने वाला काला धुआं, निर्माण कार्यों से उड़ने वाले पीएम कण, सड़कों पर फैली धूल, उद्योगों से होने वाले उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली वायु प्रदूषण के कुछ मुख्य कारक हैं। गौतमबुद्ध नगर के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गौतमबुद्ध नगर में 15 कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं, जो प्रदूषण विभाग की अनुमति लिए बगैर ही कार्य कर रही थीं।
आने वाले दिनों में हालत और ज्यादा बिगड़ेगी
हवा की गति धीमी रहने और पराली जलने के प्रभावों की वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार पांचवें दिन भी 'गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में सोमवार की सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 469 दर्ज किया गया। रविवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 416 दर्ज किया गया था। शनिवार को 427, शुक्रवार को 406 और बृहस्पतिवार को 450 दर्ज किया गया था, जो कि पिछले साल 15 नवंबर से अब तक का सबसे ज्यादा है। जब यह 458 दर्ज किया गया था। दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद में 462, गाजियाबाद में 483, नोएडा में 476, ग्रेटर नोएडा में 482, गुरुग्राम में 475 दर्ज किया गया, जो कि 'गंभीर श्रेणी में आता है।
वायु प्रदूषण के सारे मानक पीछे छूटे
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 का स्तर सुबह नौ बजे 575 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया, जो कि पिछले साल 15 नवंबर से अब तक का सबसे ज्यादा है। भारत में 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से नीचे पीएम 10 का स्तर सुरक्षित माना जाता है।
हवा की गति तापमान गिरने से बिगड़े हालात
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार हवा की गति सुबह तीन से चार किलोमीटर प्रति घंटा थी और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा की शांत गति और कम तापमान की वजह से प्रदूषक तत्व सतह के करीब रहते हैं और हवा की गति अनुकूल होने की वजह से इनका बिखराव होता है। दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि दिल्ली में 'वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार की संभावना नहीं है क्योंकि हवा की गति खास तौर पर रात में अनुकूल नहीं है और पराली जलाया जाना भी बढ़ते प्रदूषण का कारक है। प्रणाली ने बताया, '' पंजाब में पराली जलाए जाने की घटनाओं की संख्या अब भी ज्यादा है जिससे दिल्ली एनसीआर और उत्तर-पश्चिम भारत की वायु गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के हवा गुणवत्ता निगरानी केंद्र 'सफर ने बताया कि सतही हवा की गति शांत है और अगले दो दिन तक इसके ऐसे ही बने रहने की संभावना है।
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