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गौतमबुद्ध नगर भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यकारिणी की घोषणा शुक्रवार की रात की गई है। जिलाध्यक्ष विजय भाटी ने नई कार्यकारिणी की घोषणा की, जिसमें उनके साथ 21 अन्य पदाधिकारियों को जगह दी गई है। इस कार्यकारिणी की घोषणा के साथ ही जिला भाजपा में भारी असंतोष दिखाई दे रहा है। इसकी वजह जातिगत आधार पर परंपरागत वोटरों और पुराने नेताओं को दरकिनार करना है। जिलाध्यक्ष पर सीधे रूप से घोर जातिवादी होने का आरोप लगाया जा रहा है।
गौतमबुद्ध नगर भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई का विश्लेषण करें तो जिला अध्यक्ष विजय भाटी खुद गुर्जर हैं। उनके साथ 8 उपाध्यक्ष शामिल किए गए हैं। जिनमें चार उपाध्यक्ष गुर्जर बिरादरी से लिए गए हैं। ये चार उपाध्यक्ष सुनील भाटी, बबली नागर, देवा भाटी और गजेंद्र मावी गुर्जर बिरादरी से शामिल किए गए हैं। उपाध्यक्ष योगेश चौधरी जाट बिरादरी से हैं। सेवानंद शर्मा ब्राह्मण हैं, अरुण यादव बिरादरी से और पवन रावल ठाकुर हैं। पिछली कार्यकारिणी में सेवानंद शर्मा महासचिव जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे थे। उन्हें सांसद डॉ. महेश शर्मा का सबसे करीबी माना जाता है और वह जिला अध्यक्ष की दौड़ में अंत तक शामिल रहे। ऐसे में माना जा रहा था कि शर्मा को दोबारा बतौर महामंत्री रिपीट किया जाएगा।
अब अगर महामंत्री की बात करें तो चार महामंत्री कार्यकारिणी में रखे गए हैं। इनमें एक ब्राह्मण दीपक भारद्वाज, एक जाट अमित चौधरी, एक वैश्य मनोज गर्ग और एक कोरी समाज से धर्मेंद्र कोरी को जगह दी गई है। महामंत्री के लिए ठाकुर समाज से सारी दावेदारियों को दरकिनार किया गया है। कार्यकारिणी में 8 मंत्री शामिल किए गए हैं। इनमें भी तीन पदाधिकारी गुर्जर समाज से शामिल किए गए हैं। इस तरह पूरी जिला कार्यकारिणी में 8 पद गुर्जरों को, 3 जाट, केवल एक वैश्य समाज को, चार ब्राह्मण और केवल दो ठाकुर यानी राजपूत समाज को दिए गए हैं।
इस कार्यकारिणी का अगर विधानसभा क्षेत्र को आधार बनाकर विश्लेषण करें तो 22 में से 16 पदाधिकारी दादरी विधानसभा क्षेत्र से शामिल किए गए हैं। जेवर विधानसभा क्षेत्र से केवल 5 लोगों को जगह दी गई है। इनमें भी अगर पदों के महत्व को देखा जाए तो एक उपाध्यक्ष योगेश चौधरी और चार मंत्री जेवर क्षेत्र से बनाए गए हैं।
ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि ब्राह्मण, वैश्य और ठाकुर भारतीय जनता पार्टी के परंपरागत वोटर हैं। पिछले किसी भी चुनाव के दौरान इन तीनों समाज के वोटरों और नेताओं ने क्रॉस वोटिंग नहीं की है। यह तीनों जातियों के वोटर और नेता हमेशा भारतीय जनता पार्टी के वफादार मतदाता रहे हैं। लोगों का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में इन तीनों जातियों के नेताओं और वोटरों में आक्रोश दिखाई देगा।
जिला भाजपा के बारे में अच्छी पकड़ रखने वाले पार्टी के कुछ पुराने नेताओं का कहना है कि जिला अध्यक्ष विजय भाटी ने कई चीजों का बड़ा लाभ उठाया है। सबसे पहले उन्होंने सांसद डॉ. महेश शर्मा और जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह के बीच चल रही तनातनी का भरपूर फायदा उठाया है। इन दोनों नेताओं के बीच मनमुटाव का लाभ उठाते हुए जेवर विधानसभा क्षेत्र को दरकिनार करने का मौका जिलाध्यक्ष को मिल गया। जिसकी बदौलत उन्होंने एकमुश्त 17 पदाधिकारी दादरी विधानसभा क्षेत्र से शामिल किए हैं।
इसके अलावा शहरी और ग्रामीण स्तर पर भी बड़ा भेदभाव किया गया है। जिला अध्यक्ष ने कार्यकारिणी में ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा शहर के शहरी मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को पूरी तरह दरकिनार किया है। दादरी क्षेत्र के जिन 17 नेताओं को कार्यकारिणी में जगह दी गई है, वे सभी देहात से ताल्लुक रखते हैं।
यही वजह है कि जिलाध्यक्ष का संकेत साफ नजर आ रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में दादरी विधानसभा क्षेत्र पर टिकट के लिए दावा पेश करेंगे। जानकारों का यह भी कहना है कि जिला अध्यक्ष विजय भाटी का यह दूसरा कार्यकाल है, ऐसे में उन्हें तीसरी बार जिलाध्यक्ष या संगठन में किसी और पद की दरकार नहीं रह गई है। लिहाजा, उन्होंने खुलकर अपने हितों को साधने के लिए कार्यकारिणी का गठन किया है।
गौतमबुद्ध नगर एक हाईटेक जिला है और यहां पार्टी में पढ़ी-लिखी महिलाओं की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद जिला अध्यक्ष को ग्रेटर नोएडा वेस्ट, ग्रेटर नोएडा शहर और पूरे जेवर क्षेत्र से एक भी महिला ऐसी नहीं मिली, जिसे वह अपनी कार्यकारिणी में कोई महत्वपूर्ण जगह दे पाते। जिला अध्यक्ष ने पूरी कार्यकारिणी में केवल एक महिला अनीता गौतम को मंत्री पद दिया है, वह भी दादरी से हैं और कार्यकारिणी में केवल दलितों का कोटा पूरा करने के लिए उन्हें शामिल किया गया है।
इन नेताओं में क्या कमी है
पूर्व जिला उपाध्यक्ष अनिल पंडित, सुशील शर्मा, राहुल पंडित, लोकमन प्रधान, सुनील शर्मा कोट, प्रधान अरूण शर्मा, पूर्व जिला महामंत्री पंकज कौशिक, पूर्व जेवर अध्यक्ष शर्मा, राजा रावल, धर्मेन्द्र ठाकुर, अरविंद ठाकुर, रवि जिंदल, जितेन्द्र अग्रवाल, मनोज गोयल, जगभूषण गर्ग, लक्ष्मण सिंघल में क्या कमी है, जो जिला कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया है। जानकारों का कहना है कि ये लोग भाजपा के प्रति वफादार हैं। संगठन के लोग हैं, किसी व्यक्ति के नहीं हैं। कार्यकारिणी में उन्हें शामिल करने की कोशिश हुई है जो व्यक्तिगत एजेंडे को आगे बढाएंगे।