Tricity Today | JNU violence
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार देर शाम हुई हिंसा को लेकर विपक्ष ने भाजपा पर हमला बोला तो उसने भी जोरदार पलटवार किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह हमला सत्ताधारी लोगों के डर को बताता है। बीजेपी ने इसके जवाब में कहा कि विपक्ष अपने राजनीतिक पुनर्जीवन के लिए छात्रों को भड़का रहा है।
राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा, 'हमारे देश को नियंत्रित कर रहीं फासीवादी ताकतें बहादुर छात्रों की आवाज से डरती हैं। जेएनयू में आज हुई हिंसा उस डर को दर्शाती है।' सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने हमले के लिए सीधे-सीधे बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया।
येचुरी ने ट्वीट करके कहा, 'नकाबपोश हमलावर जेएनयू में घुसे और जिनके ऊपर कानून लागू करने की जिम्मेदारी है वे हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। यह वीडियो बताता है कि बीजेपी-आरएसएस भारत को कैसा बनाना चाहते हैं पर उनको ऐसा करने में सफल नहीं होने दिया जाएगा।'
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने भी हिंसा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'हम टीवी पर जो देख रहे हैं वह निराश और हतप्रभ करने वाला है। नकाबपोशों ने जेएनयू हॉस्टल में घुसकर छात्रों पर हमला किया, पुलिस क्या कर रही थी? पुलिस आयुक्त कहां हैं? यह केवल सरकार के समर्थन से हो सकता है। यह विश्वास से परे हैं।'
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला और हिंसा में शामिल लोगों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की। सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा, ' मोदी और अमित शाह की आखिर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है? कभी फ़ीस वृधि के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी सविंधान पर हमले का विरोध हो तो छात्रों की पिटाई। आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा का नंगा नाच हो रहा है और वह भी सरकारी संरक्षण में।'
जहां विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला, वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने आरोप लगाया कि लेफ्ट समर्थित छात्र और दूसरे विश्ववद्यालय से आए लेफ्ट छात्रों के समर्थक हमले में शामिल थे।
बीजेपी ने भी विपक्ष के आरोपों का जवाब देने में तनिक भी देरी नहीं की। सत्ताधारी पार्टी ने कहा कि हिंसा के पीछे अराजकतावादी ताकतें हैं और वे अपने राजनीति पुनर्जीवन के लिए छात्रों को बलि के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। बीजेपी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करके जेएनयू में हिंसा की निंदा की और कहा कि विश्वविद्यालएं सीखने और शिक्षा प्राप्त करने का केंद्र बने रहने चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जेएनयू कभी प्रखर विचार और बहस का केंद्र हुआ करता था लेकिन अब हिंसा का केंद्र बन गया है। उन्होंन कहा कि सरकार चाहती है कि विश्वविद्यालएं सुरक्षित रहें।
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