विधायक तेजपाल नागर ने तहसीलदार के खिलाफ सीएम से शिकायत की, लगाए बेहद गंभीर आरोप और फिर शिकायत वापस ली

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गौतमबुद्ध नगर में दादरी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक तेजपाल सिंह नागर ने दादरी तहसील में कार्यरत तहसीलदार राकेश कुमार जयंत के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को शिकायती पत्र भेजे। विधायक ने लिखा कि तहसीलदार भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उनके खिलाफ लगातार क्षेत्र के लोग शिकायत कर रहे हैं। तहसीलदार कामकाज जातिवाद के आधार पर करते हैं। जिससे क्षेत्र में सरकार और प्रशासन की छवि खराब हो रही है। विधायक के पत्र पर संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्व परिषद के चेयरमैन को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिख दिया। करीब 10 दिन बाद विधायक ने स्पीकर को दूसरा पत्र लिखा और बताया कि शिकायत असत्य है। तहसीलदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए।

विधायक तेजपाल सिंह नागर ने तहसीलदार राकेश कुमार जयंत के खिलाफ पहला पत्र 24 सितंबर 2020 को लिखा था। मुख्यमंत्री को संबोधित इस पत्र में विधायक ने लिखा है कि राकेश कुमार जयंत पहले गौतमबुद्ध नगर की जेवर तहसील में तैनात थे। वहां पर भी भ्रष्टाचार की शिकायतों के कारण इनका दादरी तहसील में स्थानांतरण किया गया था। अब संज्ञान में आया है कि तहसीलदार जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। राकेश जयंत को गौतमबुद्ध नगर जनपद में तैनात हुए 4 वर्ष हो चुके हैं। लिहाजा, ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को किसी अन्य जनपद में स्थानांतरित किया जाए। इसके बाद विधायक ने दूसरा पत्र 28 सितंबर 2020 को विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को लिखा है। इस पत्र में भी विधायक ने राकेश कुमार जयंत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक ने स्पीकर को बताया कि तहसीलदार के खिलाफ क्षेत्र से लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही हैं। जेवर में भी उनके खिलाफ भ्रष्टाचार कि शिकायतें हुई थीं। 

विधायक के पत्र पर संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने 29 सितंबर को राजस्व परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। जिसमें तहसीलदार को गौतमबुद्ध नगर से हटाकर किसी असंवेदनशील पद पर स्थानांतरण करने को कहा गया है। साथ ही तहसीलदार पर लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए भी कहा है। स्पीकर ने अपने पत्र में लिखा है कि तहसीलदार भ्रष्टाचार कर रहे हैं और जनता का उत्पीड़न कर रहे हैं। इसके बाद 7 अक्टूबर को विधायक तेजपाल नागर ने विधानसभा अध्यक्ष को दूसरा पत्र लिखा। जिसमें लिखा, "मैंने तहसीलदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी। मेरे स्तर से इस शिकायत का संज्ञान लेकर जांच करवाई गई है। जांच में शिकायत असत्य पाई गई हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने तहसीलदार के खिलाफ भ्रमवश गलत शिकायत की गई थी।"

विधायक ने आगे लिखा, "मैं अपने शिकायती पत्र में उल्लिखित तहसीलदार के अन्यत्र स्थानांतरण के अनुरोध को वापस लेता हूं। आपके द्वारा राजस्व परिषद के चेयरमैन को जो पत्र निर्गत किया है, उसको वापस लेने का कष्ट करें।" इस प्रकरण पर विधायक तेजपाल सिंह नागर से बात की गई। उन्होंने कहा, "मैंने तहसीलदार के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है।" दूसरी ओर इस पूरे प्रकरण के बारे में तहसीलदार राकेश कुमार जयंत से बात की गई। उन्होंने कहा, "पिछले दिनों हमने कई भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई की हैं। ऐसे ही किसी असामाजिक तत्व ने विधायक को गलत शिकायत दी थी। विधायक ने अपने शिकायती पत्रों के सापेक्ष मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और राजस्व परिषद के चेयरमैन को संशोधन पत्र भेज दिए हैं।"

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