यूपी की पूर्व सीएम मायावती का गांव बादलपुर हुआ बदहाल, विकास की मांग लेकर ग्रामीणों ने प्राधिकरण पर प्रदर्शन किया

Tricity Today | पूर्व मुख्यमंत्री के गांव बादलपुर में विकास कार्यों की मांग को लेकर प्राधिकरण कार्यालय पर प्रदर्शन किया



उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के गांव बादलपुर का हाल बेहाल है। मायावती के मुख्यमंत्री रहते चकाचक रहने वाला यह गांव अब तमाम परेशानियों से जूझ रहा है। परेशानियों को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर प्रदर्शन किया है। पूर्व मुख्यमंत्री के गांव बादलपुर में ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को पाने के लिए परेशान हैं। जनसमस्याओं के खिलाफ करप्शन फ्री इंडिया संगठन एवं आदर्श युवा विकास समिति के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को प्राधिकरण कार्यालय पर प्रदर्शन किया है।

करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक सदस्य आलोक नागर के नेतृत्व में  प्राधिकरण के महाप्रबंधक शमाकांत को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग की गई। करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले गांव बादलपुर जो कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का पैतृक गांव है वर्तमान समय में प्राधिकरण की लापरवाही के कारण गाँव के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। गाँव के चारों तरफ़ बड़ी बड़ी झाड़ियां एवं जंगल बन चुका है। जिसकी वजह से आए दिन विषैले जीव जंतु गलियों में दिखाई देते हैं। स्ट्रीट लाइटें अधिकतर बंद है। जिस कारण गांव में अंधेरा पसरा रहता है।

आदर्श युवा समिति के सदस्य दीपक नागर ने बताया कि गांव के मुख्य मार्गों में गहरे गहरे गड्ढे बने हुए हैं जिस कारण आए दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं पिछले लंबे समय से सीवर ओवरफ्लो होने के कारण गंदा पानी गांव के मुख्य रास्तों पर भर जाता है। उन्होंने कहा कि गांव के मुख्य रास्तों के साथ बनी नालियां गंदगी से भर चुकी है।

विजय पाल प्रधान ने बताया कि गांव के पार्क का भी सौंदर्यकरण कराने का कार्य कराया जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के गांव बादलपुर में इन सभी समस्याओं का समाधान तत्काल प्रभाव से कराने की मांग। इस दौरान संजय भैया, प्रवेंद्र नागर, प्रवेश नागर, सुमित बीडीसी, रिशु चौधरी,रोहित नागर, आनंद नागर, रिंकू बैसला सुशील भाटी आदि मौजूद रहें।

उत्तर प्रदेश में मायावती के शासनकाल के दौरान बादलपुर एक वीवीआईपी गांव था। गांव में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति, सीवर लाइन, सड़कें, डिस्पेंसरी, गेस्ट हाउस, कॉलेज, स्ट्रीट लाइट और तमाम दूसरी सुविधाएं उत्तर प्रदेश सरकार ने विकसित की थीं। जब-जब मायावती सत्ता से बाहर होती हैं तो विपक्षी पार्टी की सरकार उनके गांव बादलपुर की उपेक्षा करती रही हैं। अब एक बार फिर ग्रामीणों का यही आरोप है।

बादलपुर गांव के लोगों का कहना है कि जहां दूसरे गांवों में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण तमाम तरह के काम कर रहा है, वहीं बादलपुर गांव की ओर ध्यान तक नहीं दिया जा रहा है। गांव की गलियों का बुरा हाल हो गया है। मरम्मत तक नहीं की जा रही है। स्ट्रीट लाइट नहीं है। सड़के टूट चुकी हैं। पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। अस्पताल में डॉक्टर और दवाएं उपलब्ध नहीं हैं।

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