ज्योतिषी उपाय और तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाली भैरव अष्टमी पर कई तरह के कार्यों को पूरी तरह से निषेध माना गया है। जानकार मानते हैं कि इस दिन हम लोग घर में कई ऐसे छोटे-छोटे कामों को कर जाते हैं जिससे काल भैरव हमारी कुंडली में मौजूद ग्रहों को प्रभावित कर सकते हैं। अनजाने में किए जाने वाले यह कार्य 41 दिन के भीतर अपना प्रभाव दिखाते हैं। काल भैरव की नाराजगी के चलते अनजाने में होने वाले इन कार्यों की वजह से कुंडली के बेहतर ग्रह भी नकारात्मक प्रभाव देने लगते हैं।
ज्योतिषाचार्य कुलदीप शास्त्री और तंत्र आचार्य आलोक रमेश दुबे ने जानकारी दी कि देवी पुराण के अनुसार काल भैरव सबसे जल्द रुष्ट हो जाने वाले देवताओं में माने जाते हैं। माना जाता है की ऐसी स्थिति में उन्हें नाराज करने वाले भक्तों की कुंडली में मौजूद दोष 41 दिन के भीतर दोगुनी गति से अपना असर दिखाने लगते हैं। ऐसे में जातकों को उस दिन रंगो, पूजन, घर की सफाई के साथ ही कार्य क्षेत्र में भी संभल कर कार्य करने की आवश्यकता होती है। यदि जातक किसी भी देवी देवता को मानते हैं या फिर मंदिरों में जाकर पूजन करते हैं तो उन्हें 7 दिसंबर को इन सावधानियों का बारीकी से ख्याल रखना चाहिए।
पहले से समस्या में घिरे है तो
जानकार यह भी मानते हैं कि जातक यदि पूर्व में ही किसी भी तरह की समस्या से घिरा हुआ है तो भैरव अष्टमी या कालाष्टमी वाले दिन उसकी कुंडली में खराब या कमजोर ग्रहों का प्रभाव बढ़ जाता है। ऐसे में कालाष्टमी के दिन उन्हें खासतौर पर सचेत रहने की जरूरत होती है। कल अष्टमी के दिन सचेत रहने की वजह से जातक काल भैरव को नाराज करने से बच सकेंगे।
यह काम करने से बचें
- - मान्यता है कि भैरव अष्टमी के दिन उधार दिया हुआ धन वापस नहीं आता। ऐसे में यदि कुंडली में शुक्र और बुध ग्रह कमजोर है तो उधार देने से बचना चाहिए।
- - घरों में खाना खाने के बाद यदि बर्तनों को साफ नहीं किया गया तो उस दिन भैरव जी को जातक नाराज कर सकते हैं। इसलिए यह ख्याल रखें 6 दिसंबर की रात और 7 दिसंबर की रात को भोजन किए हुए बर्तनों को तुरंत साफ करके रसोई में रखना चाहिए।
- - भैरव पूजन के दौरान हरे रंग का प्रयोग पूरी तरह से वर्जित माना गया है। ख्याल रखें 7 दिसंबर की दोपहर को हरे रंग के कपड़ों को पहनकर सूर्य की रोशनी में ना जाए। ऐसा करने से नौकरी एवं रोजगार संबंधी क्षेत्र में विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।
- - भैरव अष्टमी के दिन लोगों को और खास तौर से युवाओं को अपने बाल काटने से बचना चाहिए। यदि वे ऐसा करते हैं तो 41 दिन के भीतर उन्हें गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से घिरने की वजह से पूरा परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित भी हो सकता है।
- - भैरव अष्टमी पर रात को घर में पूरी तरह से अंधेरा नहीं किया जाना चाहिए। खास तौर पर घर का ईशान कोण यानी कि उत्तरी पूर्वी कोना यदि उस रात अंधेरे में रहता है तो घर में वास्तु संबंधी समस्याएं सामने आने लगती हैं।
- - 7 दिसंबर को महिलाओं को घर की सफाई का किसी भी तरह का सामान खरीदने से बचाव करना चाहिए। इन सामानों में झाड़ू पोछा फिनाइल सहित अन्य सामग्रियां शामिल है। ऐसा करने से घर में बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है।
- - परिवार के सदस्यों को 7 दिसंबर को मूंग की दाल का सेवन करने से बचाव करना चाहिए। ध्यान रहे मूंग की दाल से बने हुए पकवान को काल भैरव को अर्पित किया जा सकता है।
- - घर में यदि रसोई में उपयोग होने वाली कोई भी काली सामग्री जैसे तिल, दाल या फिर चाय की पत्ती बेकार हो चुकी है तो उस दिन उसे घर से बाहर फेंकने से बचाव करना चाहिए।