Tricity Today | Noida Highrise
नोएडा में बुधवार की रात एकबार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई है। भूकंप का केंद्र दक्षिण-पूर्व नोएडा था यानि ग्रेटर नोएडा में कहीं था। पिछले एक हफ्ते में यह दूसरी बार था, जब नोएडा में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इससे पहले 29 मई को दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नोएडा के साथ गाजियाबाद, पूर्वी दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में बीते कुछ महीनों के दौरान आए भूकंप के केंद्र रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति ठीक नहीं है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह भारत में किसी बड़े भूकंप के आने की चेतावनी है। विशेषज्ञों को डर है कि देश में कोई बड़ा भूकंप आ सकता है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बहुत जल्दी-जल्दी भूकंप आ रहे हैं। महज एक से डेढ़ महीने में मध्यम और कम आवृत्ति के कई भूकंप आए हैं। ऐसे में किसी बड़े भूकंप के आने की प्रबल संभावना है। कुछ भू-वैज्ञानिकों ने इन भूकंप की व्याख्या एक बड़े भूकंप के संभावित संकेत के रूप में की है।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के प्रमुख डॉ कलाचंद सेन ने कहा, "हम समय, स्थान या सटीक पैमाने की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह मानते हैं कि एनसीआर क्षेत्र में लगातार भूकंपीय गतिविधि चल रही है और यह दिल्ली या आसपास के क्षेत्र में एक बड़े भूकंप को जन्म दे सकती है।" बीते करीब दो महीने की ही बात करें तो दिल्ली-एनसीआर में 7 बार भूकंप आ चुका है। हालांकि, राहत की बात यह रही है कि कम तीव्रता के कारण अभी किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।
आपको बता दें कि भूकंप की सम्भाव्यता और उसके प्रभावों का आंकलन करने के लिए भारत को जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन 5 में बांटा गया है। राजधानी दिल्ली और उसके आसपास का पूरा इलाका जोन-4 में शामिल है। इसका मतलब है कि यहां 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। इतना ही नहीं कई नामचीन विशेषज्ञों और संस्थानों की रिपोर्ट्स बताती हैं कि भूकंप के लिहाज से दिल्ली बेहद संवेदनशील क्षेत्र है।
सबसे खतरनाक स्थिति यह है कि बीते एक साल के दौरान दिल्ली और आसपास के इलाकों में 10 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि, इन भूकंपों की शक्ति बहुत कम थी लेकिन इससे यह तो साबित हो रहा है कि दिल्ली एनसीआर की धरती के नीचे भारी उथल-पुथल चल रही है। लिहाजा, विशेषज्ञों की इस राय से नाइत्तेफाकी तो कतई भी जाहिर नहीं की जा सकती है।
भारत की राजधानी अत्यधिक संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है। एनसीआर में लगभग 573 वर्ग मील का इलाका शामिल है। देश के इस हिस्से में करोड़ों लोग रहते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जम्मू के प्रोफेसर चंदन घोष ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में बड़े भूकंप के प्रभाव के कारण तबाही हो सकती है। उन्होंने कहा, "हर कोई जानता है कि दिल्ली-एनसीआर भूकंपीय क्षेत्र-4 में है और यह भूकम्प के लिहाज से संकटग्रस्त है। लेकिन अभी भी अधिकांश बिल्डर्स बीआईएस के मानदंडों के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं।"
वह आगे कहते हैं, "आर्किटेक्टस और बिल्डरों के बीच एक सांठगांठ है, जो किसी तरह कड़े भूकंप (प्रतिरोधी) कोड से समझौता करते हैं। अभी तो लगातार छोटे-छोटे झटको वाला भूकंप हमें झेलना पड़ रहा है। जिससे कोई नुकसान नहीं हो रहा है। हम सोच रहे हैं कि हमारी इमारतें एकदम सही हैं लेकिन अगर जोन-4 के लिहाज से उच्चतम शक्ति वाला भूकंप आया तो यह सारी इमारतें जवाब दे जाएंगी।"
दिल्ली-एनसीआर में एक साल के दौरान कब-कब महसूस किए गए भूकंप के झटके