किसान आंदोलनः सरकार और संगठनों के बीच बातचीत बेनतीजा रही, प्रदर्शन की वजह से यह मार्ग बंद हैं, कृपया दूसरी तरफ से जाएं

न्यूज़ | 4 साल पहले | Harish Rai

Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर



केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच अब अगली बातचीत आठ जनवरी को होगी। केंद्र सरकार और किसान संगठनों को उम्मीद है कि अगले दौर की बातचील में कोई हल निकल आएगा। भीषण सर्दी, बारिश और जलभराव भी किसानों को डिगा नहीं पा रही। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले 40 दिनों डटे गुए हैं। 

सोमवार को बातचीत के दौरान किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे। जबकि, केंद्र सरकार कानूनों की 'खामियों’ वाले बिन्दुओं या उनके अन्य विकल्पों पर चर्चा करने की इच्छुक थी। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच अब अगली बातचीत आठ जनवरी को होगी। सोमवार को बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगली बैठक में सकारात्मक वार्ता होगी और समाधान  निकाला जाएगा। पर, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 'समाधान पर पहुंचने के लिए दोनों पक्षों की ओर से प्रयास किए जाने चाहिए।‘     

भीषण सर्दी के मौसम में कई राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले करीब 40 दिन से धरना दे रहे हैं। इनमें ज्यादातर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं। शहर में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) ने शहर के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को बारिश से बचाने के लिये तंबुओं में अस्थायी ऊंचे बिस्तर उपलब्ध कराए हैं। तंबुओं के मुख्य मंच के ठीक पीछे और राजमार्ग के ढलान वाले हिस्से पर होने के कारण, वहां बारिश में जलभराव का खतरा बना रहता है। किसान पिछले साल नवम्बर से दिल्ली की कई सीमाओं पर डटे हैं।

किसानों के प्रदर्शन की वजह से दिल्ली और इससे जुड़ी सीमाओं पर यातायात प्रभावित है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी लगातार ट्विटर पर लोगों को बंद और परिवर्तित मार्गों की जानकारी दे रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार को ट्वीट में बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं। पुलिस ने लोगों से दूसरे मार्गों से आवागमन के लिए कहा है। पुलिस ने कहा है, 'कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर जाएं। मुकरबा और जीटेके रोड पर भी यातायात परिवर्तित किया गया है। आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें।‘

यातायात पुलिस ने यात्रियों को जानकारी देते हुए लिखा है, 'चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर नोएडा तथा गाजीपुर से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए बंद है। कृपया आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आएं। टिकरी, ढांसा बॉर्डर पर यातायात पूरी तरह बंद है। झटीकरा बॉर्डर केवल हल्के वाहनों, दो-पहिया वाहनों और राहगीरों के लिए खुला है। हरियाणा जाने के लिए झाड़ोदा (वन सिंगल कैरिजवे), दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं।‘

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