Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया इंजीनियरिंग कॉलेज में क्वारंटीन सेंटर से गुलजार के खुदकुशी करने के मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस मामले की अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) दिवाकर सिंह मजिस्ट्रेट जांच कर रहे हैं। परिजन मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं।
परिजनों का कहना है कि एडीएम ने उनके जल्द बयान दर्ज करने की बात कही है। सोमवार रात कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद गुलजार के शव का पोस्टमार्टम किया गया। पुलिस की मौजूदगी में परिजन ने उसे सुपुर्द-ए-खाक किया।
फेज-2 थाना क्षेत्र के ककराला स्थित अपने घर से मोहम्मद गुलजार (32 वर्ष) 10 अप्रैल को रबूपुरा स्थित मेंहदीपुर गांव के लिए निकला था। मेंहदीपुर में गुलजार की ससुराल है और यहां उसकी पत्नी सात माह के बेटे के साथ रह रही थी। बेटे के बीमार होने की खबर पर वह वहां जा रहा था।
गुलजार जब मोमनाथल गांव के पास पहुंचा, तो उसे कुछ लोगों ने खेत के पास तबलीगी जमाती समझकर घेर लिया। लोगों ने उस पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाकर वीडियो टिकटॉक पर वायरल कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया था। मेडिकल परीक्षण में बुखार आदि की पुष्टि होने पर उसे कासना स्थित क्वारंटीन केंद्र में रखा गया था।
गुलजार के चाचा मोहम्मद जाकिर का कहना है कि रविवार सुबह उसने यहां छत पर जाकर खुदकुशी की कोशिश की। इसकी सूचना पर वह दोपहर में क्वारंटीन केंद्र पहुंच गए थे। यहां उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को शाहदरा स्थित मानसिक रोग अस्पताल के कागज आदि दिखाकर घर भेजने की मांग की थी लेकिन उन्हें कोरोना जांच की रिपोर्ट आने का हवाला दिया।
वहीं, उनसे कहा गया कि गुलजार की निगरानी और सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वास्थ्यकर्मियों की है। इसके बाद शाम साढ़े चार बजे परिजन घर लौट गए। जाकिर का कहना है कि शाम साढ़े सात बजे गुलजार ने खुदकुशी की। तीन घंटे के अंतराल में गुलजार को निगरानी के बजाय कासना से गलगोटिया पहुंचा दिया और इस बीच क्या हुआ, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन लापरवाही बरतने के कारण ही उसकी मौत हुई है।