गाजियाबाद: सरकारी डॉक्टर 5 महीने से छुट्टी पर थी, पति हजारी लगाकर ले रहे था वेतन

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संयुक्त जिला चिकित्सालय में पिछले माह से एक महिला डॉक्टर की अनुपस्थित होने के बावजूद वेतन लेने का मामला सामने आया है। महिला के स्थान पर उनके डॉक्टर पति हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर रहे थे। इस मामले में जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच के निर्देश दिए हैं। 

संयुक्त जिला चिकित्सालस को कोविड एल-3 में तब्दील किया गया है। अस्पताल में 100 बेड की व्यवस्था है। इसके अलावा अन्य तीन कोविड अस्पतालों की अपेक्षा संयुक्त अस्पताल में अधिक मरीज भर्ती किए जाते हैं। वहीं सरकारी अस्पताल होने के चलते इसमें सबसे कम स्टाफ कार्यरत है। अस्पताल में 36 चिकित्सकों की आवश्यकता है और कार्यरत केवल 19 डॉक्टर हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से पहले भी नए डॉक्टर की तैनाती की गई थी, जिसमें आठ डॉक्टर अलग-अलग क्षेत्रों में चले गए। 

हाल ही में 11 डॉक्टर ने कोरोना वॉर्ड में ड्यूटी करने से इंकार कर दिया था और चार डॉक्टर ने इस्तीफे तक भेज दिए थे, जिनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए। अस्पताल में तैनात एक 38 वर्षीय डॉक्टर ने पूर्व में हुए टीबी को आधार बनाते हुए कोरोना वॉर्ड में ड्यूटी करने से इंकार करते हुए इस्तीफा भेज दिया है। इस मामले में शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। इसके अलावा अस्पताल में तैनात पांच डॉक्टर एल-2 बनने के बाद से ड्यूटी पर ही नहीं आ रहे थे। 

जांच में सामने आया कि एक महिला डॉक्टर के पति उनके स्थान पर अस्पताल के हाजिरी रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर कर रहे थे। हाजरी लगी होने के चलते महिला डॉक्टर का वेतन भी लगातार पास हो रहा था। महिला के पति डॉक्टर हैं और अस्पताल में ही तैनात हैं। इस मामले का खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया। इसके बाद जिलाधकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी है। इसके अलावा कोरोना वॉर्ड में ड्यूटी नहीं करने वाले पांच डॉक्टर को एमएमजी और महिला अस्पताल से नियुक्त किया गया है। 

संयुक्त जिला चिकित्सालय एल-2 अस्पताल में अभी 24-24 लोगों की तीन टीम का कर रहे हैं। एक टीम में पांच डॉक्टर को शामिल किया गया है। एक टीम 14 दिन कोरोना वॉर्ड में ड्यूटी करती है। इसके बाद दो दिन के क्वारंटाइन और 12 दिन नॉन कोविड ड्यूटी करती है। चार अन्य चिकित्सक की भी शिफ्ट वार ड्यूटी लगाई जा रही है, जिससे मरीजों के उपाचर और अस्पताल की व्यवस्थाओं में किसी तरह की परेशानी ना हो। 

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