ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने लॉकडाउन में 815 करोड़ रुपये कमाए, इस साल 10 हजार करोड़ के भूमि आवंटन करने का लक्ष्य

Tricity Today | Narendra Bhushan CEO Greater Noida



GREATER NOIDA: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया है। दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने इस अवधि में 21 कंपनियों को शहर में कारोबार स्थापित करने के लिए इकोटेक औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंड आवंटित किए हैं। इसके जरिए अथॉरिटी को 815 करोड़ रुपये मिले हैं। अधिकारियों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 10,000 करोड़ रुपये भूमि आवंटन से प्राप्त होने की संभावना है।

प्राधिकरण अफसरों ने बताया कि 21 औद्योगिक उद्यमों में से 19 को ग्रेटर नोएडा के इकोटेक-2 क्षेत्र में भूखंड दिए गए हैं। एक को नॉलेज पार्क-5 में और एक को इकोटेक-1 एक्सटेंशन में आवंटित किया गया है। 21 आवंटियों में से दो बड़े पैमाने वाले सेट-अप हैं। जबकि NIDP डेवलपर्स को 540 करोड़ रुपये के निवेश पर नॉलेज पार्क-5 में 80,961 वर्गमीटर भूमि आवंटित की गई है। अंबिका इन्फोटेक ने 225 करोड़ रुपये में इकोटेक-1 एक्सटेंशन में 40,000 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण किया है। बाकी 19 छोटी कंपनियां हैं। इनमें मसाला निर्माताओं से लेकर पॉलिमर कंपनियां और रासायन निर्माता हैं।

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने कहा, “सभी आकार भूखंड तेजी से आवंटित किए जा रहे हैं और हर महीने हम लगभग 21-22 आवंटन करना चाहते हैं। उद्यमों का आकार छोटे, मध्यम से बड़े तक हैं। हम सालभर ग्रेटर नोएडा में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के भूमि आवंटन करने जा रहे हैं। लॉकडाउन अवधि में 815 करोड़ रुपये के लैंड एलोकेशन किए गए हैं।

इस बुरे दौर में कौन लोग निवेश कर रहे हैं ? इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इन नए व्यवसायों को ऐसे लोग खड़े कर रहे हैं, जो पूर्ववर्ती उद्यमों को खत्म करके पैसा निकाल चुके हैं। अब सरकारी एमएसएमई योजनाओं का उपयोग करना चाहते हैं। “लॉकडाउन के बाद उद्योग जगत में मंथन चल रहा है। कई लोग नए व्यवसाय शुरू कर रहे हैं। वे पुराने और बड़े पैमाने वाले सेट-अप से बाहर निकलने के बाद ऐसा कर रहे हैं। कुछ नए प्रवेशी हैं, जो पहली बार उद्योग में उतर रहे हैं। भारतीय उद्योग संघ (IIA) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में वरिष्ठ पदाधिकारी एसपी शर्मा ने कहा, औद्योगिक वातावरण बदल गया है, लेकिन अब लोग नए काम खोज रहे हैं।

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