Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
गौतमबुद्ध नगर में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए प्रशासन नये-नये प्रयोग कर रहा है। अब कंटेनमेंट जोन में किस तरह से काम होगा, इसको लेकर कई बड़े फैसले लिए गए हैं। अब कंटेनमेंट जोन में स्वास्थ्य विभाग की टीम थर्मामीटर और ब्लड आक्सीजन मीटर से जांच करेंगी। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों को तीन श्रेणियों में बांटकर काम किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में आवश्यक कार्रवाई के लिए जनपद में 800 टीमों का गठन किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सभागार गुरुवार को जनपद के कोविड प्रभारी और प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने जिला प्रशासन, स्वस्थ्य विभाग और नोएडा विकास प्राधिकरण आदि के संबंध में बैठक की। बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट उमा शंकर सिंह, डा ललित, डा अमित, डा एसके मिश्रा, डा पवन आदि शामिल हुए।
कंटेनमेंट जोन के निवासियों को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा
प्रभारी ने कंटेनमेंट जोन के लिए नई गाइड लाइन तय की और इसी के आधार पर काम करने के लिए कहा। कंटेनमेंट जोन में द्वारा थर्मामीटर व ब्लड आक्सीजन मीटर से जांच की जाए। यहां के निवासियों को तीन श्रेणियों में चिन्हित किया जाए। जिसमें पहली श्रेणी में बुजुर्ग, दूसरी श्रेणी में गंभीर बीमारी से ग्रस्त व तीसरी श्रेणी में बुखार आदि से पीड़ितों को रखा जाए।
कंटेनमेंट जोन में सम्बन्धित आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों, समाजसेवी, बुद्धजीवी लोगों से आवश्यक सहयोग लिया जाए। इन इलाकों में टीमें कान्टेक्ट ट्रेसिंग का काम भी प्रभावी रूप से करेंगी।
मरीज के घर के बाहर लगेगा बोर्ड
जिस घर में कोविड मरीज पाया जाता है, उस घर के बाहर एक बोर्ड चस्पा कर दिया जाये। यदि 14 दिन तक कोई अन्य मरीज नहीं पाया जाता है तो कंटेनमेंट जोन को समाप्त कर दिया जायेगा। यदि कोई कोविड मरीज मिलता है तो कंटेनमेंट जोन की अवधि बढ़ सकती है। इन इलाकों में वृहद सेनेटाइजेशन किया जाएगा। एक केस होने की स्थिति में उस केस को केन्द्र मानते हुये 250 मीटर क्षेत्र को कन्टेनमेन्ट जोन बनाया जायेगा।
एक ही घर में एक से अधिक केस होने पर सिंगल केस के समान कंटेनमेंट जोन बनेगा। किसी क्षेत्र में एक से अधिक केस के लिये 500 मीटर रेडियस के क्षेत्र को कन्टेनमेन्ट जोन बनाया जायेगा।
कंटेनमेंट जोन में 100 मकान की जांच के लिए एक कर्मचारी लगेगा
एक से अधिक कोविड केस मिलने पर केन्द्र से 500 मीटर क्षेत्र में कन्टेनमेन्ट जोन बनाया जायेगा। इस क्षेत्र में 1200 घरों को कवर करने के लिये उस क्षेत्र में कम से कम 12 टीमे लगायी जाएंगी। मकानों की संख्या अधिक होने पर टीमें बढ़ाई जाएंगी। जिले में कन्टेनमेन्ट जोनों में अनुश्रवण एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए 800 टीमों का गठन किया जाएगा।