Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
अगर आपके घर में कोई शादी-विवाह या कोई दूसरा समारोह है और उसमें 100 लोगों तक मेहमान आएंगे तो पुलिस या प्रशासन से कोई भी मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। केवल 2 मेल आईडी पुलिस और जिला प्रशासन ने उपलब्ध करवाई हैं। इन पर सूचना भेजनी है। बुधवार को गौतमबुद्ध नगर के जिला अधिकारी सुहास एलवाई ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यक्रम में अगर 100 या इससे कम लोग शामिल हो रहे हैं तो कहीं से भी कोई मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है।
कोरोनावायरस का संक्रमण एक बार फिर तेजी के साथ बढ़ रहा है। जिससे शासन और प्रशासन अलर्ट हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर निजी और सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर कुछ बंदिशें लगाई हैं। राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि अब शादी समारोह में 100 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते हैं। यह आदेश आने के बाद गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन की ओर से कहा गया था कि समारोह आयोजित करने के लिए अनुमति लेनी होगी, लेकिन अब बुधवार को जिलाधिकारी ने साफ कर दिया है कि अगर किसी समारोह में 100 या उससे कम लोग शामिल हो रहे हैं तो किसी भी तरह की मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है। सुहास एलवाई ने कहा, "लोगों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल से जुड़े नियम-कायदों का पालन करना होगा। बंद समारोह स्थलों में क्षमता के सापेक्ष केवल 50 फ़ीसदी लोगों को बुलाया जा सकता है। खुले क्षेत्र में कार्यक्रम करने के लिए क्षमता के मुकाबले 40 फ़ीसदी लोगों को आमंत्रित किया जा सकता है।
डीएम ने कहा, "अगर कार्यक्रम में 100 या इससे कम लोग शामिल हो रहे हैं तो किसी भी तरह की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। सैनिटाइजेशन, हाथ धोने और मास्क पहनने की अनिवार्यता रहेगी। इन नियमों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए।" डीएम ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन करने से पहले जिला प्रशासन की मेल आईडी city.mag.noida@gmail.com और गौतमबुद्ध नगर पुलिस की मेल आईडी ad.cplogbn@gmail.com पर सूचना देना पर्याप्त होगा। सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी का पालन करना होगा। आयोजन के पहले और बाद में कार्यक्रम स्थल को सैनिटाइज किया जाएगा।
सुहास एलवाई ने कहा, "शादी बारात घर या किसी भी रूप में शस्त्र ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। उल्लंघन करने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। आयोजन में शामिल हो रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। आयोजन स्थलों पर कोविड-19 के लिए नियुक्त किए गए इंसिडेंट कमांडर औचक निरीक्षण कर सकते हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 188 और महामारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।"