कोरोना मरीज ने खुद को छिपाया या बस-रेल में सफर किया तो तीन साल की सजा होगी, पढ़िए यूपी में बना नया कानून

Tricity Today | Alok Kumar Singh IPS, Commissioner of Police GB Nagar



कोरोना वारियर्स चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिस कर्मी आदि की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने नया कानून बनाया है। उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य और महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश-2020 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 

यह जानकारी देते हुए नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि नए कानून के तहत स्वास्थ्य कर्मियों, पैरा मेडिकल कर्मियों, पुलिस कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वारियर्स पर किये गये हमले या बदसलूकी पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही  50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रूपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त कोरोना वारियर्स पर थूकने, किसी तरह की गंदगी फेंकने और क्वारंटीन के दौरान आइसोलेशन तोड़ने और इनके खिलाफ हमले या बदसलूकी के लिए भड़काने वाले पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए दो से पांच वर्ष तक की सजा और 50 हजार रुपये से 2 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।  

उन्होने बताया कि क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। इसके अतिरिक्त अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार रुपए से लेकर एक लाख तक होगा। अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना 50 हजार से एक लाख रुपये तक के जुर्माने और लॉक डाउन तोड़ने तथा इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।

उन्होने बताया कि अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हजार रुपये से एक लाख तक का जुर्माना देय होगा। अगर कोरोना मरीज जानबूझकर सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करता है तो उसके लिए एक से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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