बड़ी खबर: नोएडा में कोरोना का इलाज कर रहे अस्पतालों पर रखी जाएगी नजर, निगरानी के लिये सरकार ने टीम गठित की, मिल रही हैं शिकायत

नोएडा | 4 साल पहले | Mayank Tawer

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर नगर के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज पर नजर राखी जाएगी। इसके लिए सरकार ने एक टीम का गठन कर दिया है। प्रोटोकॉल के तहत इलाज की निगरानी के लिये सरकार ने तीन सदस्यीय टीम बनाई है। शनिवार को जिले के एक चिकित्सा अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।

  
गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी दीपक ओहरी ने बताया कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर और जनपद में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। उन्होंने बताया कि यह कमेटी निजी अस्पतालों में कोविड—19 के मरीजों के इलाज की गुणवत्ता, उचित इलाज और अन्य बिंदुओं को परखेगी। शासन को इसकी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट नकारात्मक होने पर निजी कोविड-19 अस्पताल में मरीजों के उपचार की प्रक्रिया में फेरबदल किया जा सकता है।
    
उन्होंने बताया कि जिले में यथार्थ, फोर्टिस, कैलाश, जेपी और शारदा अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों का उपचार चल रहा है। इन अस्पतालों में मरीजों के उपचार की दर निर्धारित है। अस्पताल प्रबंधक प्रोटोकॉल के तहत ही मरीजों का इलाज करने का दावा करते हैं। लेकिन कई बार यह शिकायत आती है कि अस्पताल प्रबंधन मरीजों का इलाज ठीक तरह से नहीं कर रहे हैं तथा इलाज का खर्च भी ज्यादा ले रहे हैं।
   
चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस शिकायत के चलते उत्तर प्रदेश शासन ने निजी अस्पतालों में मरीजों के इलाज की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने का निर्णय किया है। शासन स्तर से तीन सदस्यीय टीम बनायी गयी है। उन्होंने बताया कि इस टीम में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी का प्रतिनिधि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी का प्रतिनिधि और मेडिकल कॉलेज का एक प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि टीम का मुख्य कार्य निजी कोविड-19 अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाले उपचार को देखना है। टीम के सदस्य समीक्षा के दौरान प्रत्येक अस्पताल में जाकर मरीजों को मिलने वाले इलाज की स्थिति देखेंगे। 

सीएमओ ने बताया कि टीम के सदस्य मरीजों से पूछेंगे कि उपचार के नाम पर मनमाना बिल तो तैयार नहीं किया जा रहा है। कुछ अस्पतालों में मरीजों को निश्चित समय अवधि गुजरने के बाद भी जबरन भर्ती किए जाने की शिकायत मिली है। मरीजों से यह जानकारी भी ली जाएगी। उन्होंने बताया कि कई निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस की आरटी-पीसीआर और एंटीजन जांच के लिए ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं। वहीं, कुछ अस्पतालों में कोरोना की जांच व इलाज के बिल में ज्यादा वसूली की शिकायतें सामने आ रही है और यह कमेटी इसकी भी जांच करेगी।

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