Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
लॉकडाउन को चलते करीब दो माह होने को जा रहे हैं। जहां मध्यम वर्ग को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी ओर छोटे कारोबारी कामकाज बदलने को मजबूर हैं। जेवर कस्बे के कई दुकानदार अपना पुश्तेनी काम छोड़कर सब्जी बेचने को मजबूर हो गए हैं।
जेवर के मेन बाजार नई अंनाज मंडी गेट के सामने शर्मा मिष्ठान भंडार के नाम से हलवाई की फेमस दुकान थी। जहां मिठाई, समौसा, टिक्की खरीदने वालों का तांता लगा रहता था। आज वहां हलवाई की दुकान बंद हो गई है। जेवर क्षेत्र के लोग मिठाई खाने को तरस गए हैं। आज वहां मिठाई बेचने के स्थान पर सब्जी बेची जा रही है। दुकान संचालक देवदत्त शर्मा का कहना है की लाॅकडाउन को दो माह होने जा रहे हैं। अपने परिवार की गुजर बसर करने के लिये सब्जी बेचने का कदम उठाना पड़ा है। जिससे अपने परिवार की जीविका चल सके।
कस्बे में तायल इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालक राजू जिंदल का कहना है कि लाॅकडाउन लगने के बाद घर की अर्थ व्यवस्था बिगड़ गयी है। परिवार के सामने भारी संकट खड़ा हो गया। जिसको देखते हुए दुकान के समीप सब्जी और फल बेचने को मजबुर होना पड़ गया है। जिससे परिवार का पालन पोेषण हो सके।
रेहड़ी वालों ने बदले अपने काम
जेवर में रेहड़ी पर कांजी के बड़े, समौसा, टिक्की बेचने वाले कन्हैया प्रजापति, पप्पू, सूरज, जयभगवान, धर्मेन्द्र, कंची, शेखर आदि रेहड़ी वालों ने अपने-अपने पुश्तैनी काम को मजबूरी में छोड़कर कस्बे के गली मौहल्लों के अलावा गांव-गांव जाकर अपने परिवार के पालन पोषण करने के लिये सब्जी बेचने का काम कर रहे हैं। जिससे अपने परिवार का गुजारा हो सके।
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