Tricity Today | NGT
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) को एक बिल्डर पर लगाए गए 3,28,50,000 रुपए के जुर्माने की रकम वसूलने का आदेश दिया है। यह जुर्माना नोएडा के सेक्टर-77 स्थित अंतरिक्ष कैनबॉल 3-जी बिल्डर पर लगाया गया था। यहां एनजीटी के नियमों का उल्लघंन होता पाया गया था। बिल्डर पर अवैध रूप से भूजल दोहन करने और ग्रीन बेल्ट क्षेत्र अवैध तरीके से सीवेज का पानी छोडने पर कार्रवाई की गई थी।
एनजीटी ने यह यूपीपीसीबी को निर्देश दिया कि वह जुर्माना वसूलने के लिए क्या क्या कर रही है इसकी एक रिपोर्ट ई मेल के जरिए उनको दे। इस मामले में अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी। एनजीटी ने यह भी कहा कि इस मामले में यदि यूपीपीसीबी नोएडा विकास प्राधिकरण और सिटी मजिस्ट्रेट से मदद लेना चाहे तो उसके विकल्प खुले हैं। वह दोनों से बातचीत कर जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया आगे बढ़ा सकता है।
उधर, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि एनजीटी के आर्डर की कांपी उनको मिल चुकी है। इससे संबंधित एक पत्र वह लखनऊ स्थित मुख्यालय भेज रहे है। वहां विधि विभाग द्वारा जिस तरह के निर्देश दिए जाएंगे उन्हीं के अनुसार जुर्माना वसूल किया जाएगा।
बता दें कि बिल्डर ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना भूजल निकाला जा रहा था। आवेदकों की ओर से दी गई सूचना के अनुसार बिल्डर ने 29 जनवरी 2011 को परियोजना शुरू की और दिसंबर 2014 से फ्लैटों पर कब्जा देना शुरू कर दिया। बिल्डर ने दो बोरवेल स्थापित किए हैं। वर्षा जल संचयन का प्रावधान किया गया है लेकिन यह चालू नहीं है।
इसके अलावा अपार्टमेंट में रहने वाले 475 परिवारों के साथ 560 फ्लैटों के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था नहीं है। पीठ ने यह भी बताया कि बिजली की आपूर्ति के लिए 500 केवी का डीजल जेनसेट लगाया गया है, लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशानिदेर्शों के अनुसार इसके लिए चिमनी नहीं लगाई गई है। ऐसे में यूपीपीसीबी ने बिल्डर पर 3,28,5,0000 रुपये का जुर्माना लगाया था।