NOIDA: कोरोना से जीतकर घर पहुंची एमबीबीएस की छात्रा, बताया कैसे जीती लड़ाई

नोएडा | 5 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | शंभली



कोरोना वायरस को हराकर अपने घर पहुंची नोएडा की रहने वाली छात्रा शंभली ने कहा कि कोरोना से डरें नहीं बल्कि सूझबूझ और हिम्मत के साथ लड़ें। अस्पतालों ने हर प्रबंध कर रखा है। आइसोलेशन वार्ड कोई काल कोठरी नहीं है। वहां हर तरह की सुविधा मिली। जरा सी छींक या खांसी आती तो चिकित्सक झट से दौड़े आते हैं। वार्ड में बिताए दिनों का अनुभव घर से कतई अलग नहीं लगा। चिकित्सकों ने मरीज की तरह नहीं, बल्कि बेटी की तरह देखभाल की। 

शंभली ने बताया, सुबह नाश्ते से लेकर रात के खाने के अलावा शाम की चाय तक का पूरा ध्यान आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। कभी कभी अजीब सा लगता था, लेकिन डॉक्टर और स्टाफ के व्यवहार ने हौसला दिया। उन्होंने समझाया कि डरने वाली कोई बात नहीं है, जल्द ठीक हो जाओगी। तब मैंने भी ठाना कि घबराए बिना इलाज कराऊंगी। इस तरह हिम्मत, हौसले, सूझबूझ और जुनून से कोरोना को मात देकर घर लौट आई हूं। 

शंभली ने बताया कि वह यूरोप में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। वहां साथियों के साथ फ्रांस घूमने चली गईं। मन में तनिक भी खयाल नहीं था कि कोरोना के साथ वापस लौटना पड़ेगा। घर वापस आते वक्त भी नहीं पता था कि कोरोना से संक्रमित हो चुकी हूं। फ्लाइट में बैठे सोच रही थी कि घर जाकर मम्मी पापा से मिलने के बाद रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलूंगी, लेकिन घर लौटने पर पता चला कि वायरस की चपेट में आ चुकी हूं। शंभली ने बताया, थोड़ी घबराहट हुई कि अब क्या होगा, लेकिन चिकित्सकों ने समझाया कि ठीक हो जाओगी। बाद में राजकीय अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हो गई। शुरुआत में दिन काटने मुश्किल जरूर लगे लेकिन चिकित्सकों ने चेकअप के साथ ही मनोबल भी बढ़ाया।

आपको बता दें कि शंभली ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती थीं। वह सबसे पहले ठीक होकर घर जाने वालों में शामिल थीं। बड़ी बात यह कि शंभली बहुत कम समय केवल 7 दिनों में ठीक हो गई हैं। 

ट्राइसिटी टुडे टीम प्रार्थना करती है कि आप जल्दी ठीक हो जाए.

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